शबाना आजमी-जावेद अख्तर ने कार्यक्रम रद्द किया तो बौखला उठा पाक, दिया ये बयान  

नई दिल्‍ली। जम्‍मू-कश्‍मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमला होने के बाद दिग्‍गज अभिनेत्री शबाना आजमी और उनके गीतकार-लेखक पति जावेद अख्तर ने अपना कराची दौरा रद्द कर दिया था जिसके बाद ‘आर्ट्स काउंसिल ऑफ पाकिस्तान’ ने उनकी निंदा की है। दरअसल, शबाना आजमी और जावेद अख्तर कराची में शबाना आजमी के पिता और शायर कैफी आजमी के शताब्दी समारोह में शामिल होने वाले थे।

समाचार पत्र ‘द डॉन’ ने रविवार को काउंसिल के अध्यक्ष अहमद शाह के हवाले से लिखा है कि शबाना आजमी ने जिस तरह से कराची दौरा रद्द करते हुए पाकिस्‍तान पर हमला किया है उन्‍होंने हद पार की दी है। ये तरीका एक सभ्‍य इंसान के लिए ठीक नहीं है। उन्‍होंने कहा कि, “मुझे शबाना आजमी के लिए दुख होता है कि उन्होंने उम्मीद खो दी है। मैं उनकी आलोचना नहीं कर रहा लेकिन पुलवामा हमले के बाद बाद जिस तरह से उन्होंने निराशा जताई इससे मुझे वाकई बहुत दुख हुआ”।

उन्होंने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि कलाकार और अपने साहित्य और कला में योगदान के लिए माने जाने वाले लोग ही उम्मीद जगाते हैं। वे कभी निराश नहीं करते। लेकिन, इस समय शबाना आजमी बहुत निराश लग रही हैं।

आपको बता दें कि काउंसिल 23-24 फरवरी को कैफी आजमी की जन्मशती मना रही है। इसमें शामिल होने के लिए पाकिस्तान और दुनिया के अन्य देशों के कई प्रसिद्ध कविओं और साहित्यिक हस्तियों को आमंत्रित किया गया है। पुलवामा में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले के अगले दिन शुक्रवार को दोनों कलाकारों ने अलग-अलग ट्वीट कर अपने पूर्वनियोजित कार्यक्रम को रद्द करने की घोषणा की थी।

इस दौरान शबाना ने लिखा था कि इन सालों में पहली बार मुझे मेरा विश्वास कमजोर होता नजर आया है कि लोगों के बीच संपर्क होने से सत्ता प्रतिष्ठान को सही काम करने पर मजबूर कराया जा सकता है। हमें सांस्कृतिक आदान-प्रदान रोकना होगा। जावेद ने और ज्यादा कटु भाषा का उपयोग किया था। शाह ने कहा, “जावेद में कश्मीर में अत्याचारों के लिए अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाने की हिम्मत होनी चाहिए।

‘द डॉन’ के अनुसार, उन्होंने कहा कि आर्ट काउंसिल ने शबाना की इच्छा का सम्मान किया था और कैफी आजमी की प्रगतिशील काव्य रचनाओं वाली एलबम को लांच करने के लिए परियोजना शुरू की।  इसके लिए संगीतकार अरशद महमूद ने कुल नौ में से छह गीत तैयार कर लिए हैं जो पाकिस्तानी लोगों के निष्पक्ष और कला-प्रेमी रवैये को दिखाता है।

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