Saturday, March 29, 2025

उद्धव सरकार की इजाजत के बिना महाराष्ट्र में CBI की एंट्री हुई बैन तो BJP बोली- ये तुगलकी फरमान

मुंबई: टीआरपी घोटाले मामले की जांच से जुड़ी प्रक्रिया को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने सीबीआई को दी गई ‘सामान्य सहमति’ को वापस ले लिया है। इस स्थिति में अब जांच एजेंसी को किसी भी मामले की जांच शुरू करने के लिए राज्य सरकार से मंजूरी लेनी होगी। ताजा अपडेट के मुताबिक यूपी सरकार की सिफारिश पर सीबीआई की ओर से टीआरपी घोटाले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद यह बात सामने आई है।

बीजेपी ने उद्धव सरकार पर साधा निशाना

टीआरपी घोटोले पर गरमाई सियासत पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर पर जारी है। राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने उद्धव सरकार के इस फैसले को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला है। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता और विधायक राम कदम ने महाराष्ट्र सरकार के सीबीआई को जांच से रोकने के फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार का यह तुगलकी फरमान है। आखिर महाराष्ट्र सरकार किन बातों से इतना डरी हुई है और क्या छिपाना चाहती है? जिसकी वजह से उन्होंने इतना बड़ा फैसला लिया है।

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क्या है पूरा मामला ?

बता दें कि टीआरपी घोटाले को लेकर एक विज्ञापन कंपनी के प्रमोटर की शिकायत पर लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया था जिसके बाद यूपी सरकार ने यह केस सीबीआई को सौंपा था। टीआरपी घोटाले से जुड़ा यह मामला उस समय सामने आया था जब रेटिंग एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC)ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। अपने शिकायत पत्र में एजेंसी ने आरोप लगाया गया था कि कुछ चैनल विज्ञापन पाने की आड़ में टीआरपी रेटिंग्स में धांधली कर रहे हैं।

मुंबई पुलिस ने किया किया था टीआरपी रैकेट का भंडाफोड़

गौरतलब है कि बीते 8 अक्टूबर को मुंबई पुलिस ने दावा किया था कि उसने पत्रकार अर्नब गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी न्यूज़ चैनल समेत तीन चैनलों को शामिल करते हुए टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट्स यानी टीआरपी में धोखाधड़ी के रैकेट का भंडाफोड़ किया था। पुलिस का कहना था कि कुछ परिवार जिनके घरों में दर्शकों के डेटा इकट्ठा करने के लिए मीटर लगाए गए थे, उन्हें इन तीन चैनलों की ओर से मोटा पैसा दिया जा रहा था।

राजस्थान और बंगाल ने भी वापस ली थी सहमति

जानकारी के मुताबिक, सीबीआई के राज्य में प्रवेश को लेकर महाराष्ट्र से पहले राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने सीबीआई के लिए सामान्य सहमति वापस ले ली थी, जो सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करती है। ऐसे में अब देखना होगा कि इस टीआरपी घोटाले मामले की जांच की ओर जाती है।

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