महाराष्ट्र में फिर सियासी ट्विस्ट, NCP के सभी मंत्रियों के साथ शरद पवार से मिलने पहुंचे अजित पवार

महाराष्ट्र की राजनीति में फिर बड़ा उलटफेर होने के संकेत मिल रहे है। महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को डिप्टी सीएम अजित पवार , प्रफुल्ल पटेल , छगन भुजबल  समेत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सभी बागी नेताओं ने पार्टी के संस्थापक शरद पवार से मुलाकात की है।

मिली जानकारी के मुताबिक, एनसीपी के वरिष्ठ नेता व महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार अपने खेमें के नेताओं के साथ शरद पवार से मिलने आज दोपहर मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर  गए। अजित दादा के साथ प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल, हसन मुश्रीफ, अदिति तटकरे, धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल, धर्मराव अत्राम, संजय बनसोडे, नरहरि जिरवाल समेत तमाम बड़े नेता मौजूद थे।

इस बैठक में शरद पवार खेमे से पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले, महाराष्ट्र के पार्टी अध्यक्ष जयंत पाटिल, मुख्य सचेतक जितेंद्र आव्हाड उपस्थित थे। बागी गुट के नेताओं के साथ बैठक में शामिल होने से पहले एनसीपी (शरद पवार गुट) नेता जयंत पाटिल ने कहा, “मुझे सुप्रिया सुले का फोन आया था और उन्होंने मुझसे जल्द वाईबी चव्हाण सेंटर पहुंचने को कहा। मुझे नहीं पता कि अजित पवार और अन्य विधायक यहां क्यों आए हैं।“
अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, आज हम सब हमारे नेता शरद पवार जी से मिलने आए हैं और हमने उनसे आशीर्वाद मांगा। हमारी इच्छा है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एक साथ रहे और मजबूती से आगे काम करे, इसके लिए हमने शरद पवार को विनती करते हुए कहा कि वे इस दिशा में विचार करें। हालांकि शरद पवार ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने शांति से हमारी बात सुनी।
प्रफुल्ल पटेल ने कहा, “आज हमारी मुलाकात हम सबके भगवान शरद पवार से हुई। हम उनका आशीर्वाद लेने के लिए आये थे। हम बिना समय मांगे यहां उनसे मिलने आए थे। हमने उनका पैर पकड़कर आशीर्वाद लिया और एनसीपी को एकजुट रखने का अनुरोध किया।”
मालूम हो कि शरद पवार के भतीजे अजित पवार हाल ही में एनसीपी के 8 अन्य विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए। जिससे पार्टी दो धड़ों में बंट गई। हालांकि शरद पवार ने पार्टी को फिर से खड़ा करने की कवायद शुरू की है। 2 जुलाई की दोपहर में अजित पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जबकि एनसीपी के 8 नेताओं ने मंत्री के तौर पर शपथ ली। शपथ के करीब दो हफ्ते बाद शुक्रवार को अजित पवार को वित्त विभाग का प्रभार दिया गया, जबकि उनका खेमा सहकारिता और कृषि सहित कई दमदार मंत्रालय पाने में सफल रहा।

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