करीब तीन महीने से हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर से बीते 19 जुलाई को एक ऐसा वीडियो सामने आया था, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। 19 सेकेंड के इस वीडियो में एक भीड़ दो महिलाओं को नग्न अवस्था में सड़क पर दौड़ाता नजर आया था। इस वीडियो ने पूरे देश में मणिपुर हिंसा की नई हकीकत सामने ला दी। वीडियो सामने आने के बाद देश भर में विरोध-प्रदर्शन शुरू हुए।
पीएम मोदी, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सहित कई अन्य नेताओं ने इस वीडियो पर सख्त कार्रवाई की बात की। वीडियो वायरल होने के बाद राज्य सरकार भी तुरंत हरकत में आई और पुलिस को जल्द के जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करने को कहा। आज इस वीडियो के सामने आए 10 दिन हो गए है, अब इस केस में एक बड़ा अपडेट यह सामने आया कि अब इस केस की जांच मणिपुर पुलिस नहीं करेगी।
दरअसल मणिपुर वायरल वीडियो केस की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने अपने हाथों में ले ली है। शनिवार को सीबीआई ने मणिपुर पुलिस से इस केस को टेकओवर किया। केस अपने हाथों में लेने के बाद केंद्रीय एजेंसी ने एक एफआईआर भी दर्ज की है। जिसके बाद मामले की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है। अब देखना हो कि सीबीआई इस मामले की जांच कितनी जल्द पूरी कर दोषियों को गिरफ्तार कर पाती है।
मालूम हो कि राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। राज्य सरकार की सिफारिश पर गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है। वहीं बात अभी तक हुई कार्रवाई की करें तो मणिपुर पुलिस ने अब तक इस मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमें एक नाबालिग भी शामिल है।
वहीं चुराचांदपुर राहत शिविर में मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा, “सरकार उन लोगों को मुआवजा देगी जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है और संपत्ति का नुकसान हुआ है। मैं शांति और मणिपुर के लोगों के भविष्य के लिए हर संभव प्रयास करूंगी।” विपक्षी गठबंधन के सांसदों की यात्रा पर मणिपुर के राज्यपाल ने कहा, “मैं उनसे राज्य में शांति बहाल करने में योगदान देने की अपील करती हूं।