वाशिंगटन: पुलवामा हमले के बाद भारत समेत कई देश आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना हाफिज सईद को “वैश्विक आतंकवादी” घोषित करने के पक्ष में आ गया है. लेकिन हर बार इस फैसले में चीन अड़ंगा लगाता आया है जिसको लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने चीन की जमकर फटकार लगाई है. उन्होंने कहा एक तरफ तो चीन अपने देश के लाखों मुसलमानों को जमकर प्रताड़ित करता है वहीं दूसरी तरफ हिंसक इस्लामिक आतंकवादियों को यूएन प्रतिबंध से बचाता है.
पोम्पिओ ने बुधवार को मसूद अजहर का नाम लिये बिना एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने लिखा कि, “दुनिया मुसलमानों के प्रति चीन के शर्मनाक पाखंड को बर्दाश्त नहीं कर सकती. एक ओर चीन अपने यहां लाखों मुसलमानों पर अत्याचार करता है, वहीं दूसरी ओर वह हिंसक इस्लामी आतंकवादी समूहों को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों से बचाता है.’’
The world cannot afford China’s shameful hypocrisy toward Muslims. On one hand, China abuses more than a million Muslims at home, but on the other it protects violent Islamic terrorist groups from sanctions at the UN.
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) March 27, 2019
बता दें, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिये संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव रखा था. लेकिन हर बार की तरह चीन ने इसपर रोक लगा दी.
चीन ने यह तर्क दिया था कि उसको इस विषय पर अध्ययन करने के लिए कुछ और समय चाहिए. इसपर पोम्पिओ ने आरोप लगाया कि चीन अप्रैल 2017 से शिनजियांग प्रांत में नजरबंदी शिविरों में 10 लाख से ज्यादा उइगरों, कजाखों और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को हिरासत में ले चुका है.
पोम्पिओ ने कहा कि, “अमेरिका उनके और उनके परिवारों के साथ खड़ा है. चीन को हिरासत में लिए गए सभी लोगों को रिहा करना चाहिए और उनके दमन को रोकना चाहिए. दरअसल, बुधवार को पोम्पिओ ने शिनजियांग में अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ चीन के “दमन और हिरासत अभियान” से बचने वालों और उनके परिवारों से मुलाकात की थी.