नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात के गांधीनगर से ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना’ का शुभारंभ किया. इस दौरान 11,51,000 लाभार्थियों तक 13,58,31,918 रुपये की धनराशि सीधे पेंशन खातों में ट्रांसफर की गई. इस मौके पर पीएम ने कहा कि आज हम सभी एक ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं. आज के इस कार्यक्रम का होस्ट गुजरात है, लेकिन इस कार्यक्रम में इस समय पूरे देश से करीब दो करोड़ लोग तकनीक के माध्यम से शामिल हुए हैं. देश के लगभग 42 करोड़ श्रमिकों, कामगारों की सेवा में समर्पित है.
प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना
मोदी ने कहा कि मैं देश के उन तमाम परिवारों से आग्रह करूंगा कि अपने घर पर काम करने वाले लोगों को पीएम श्रम योगी मानधन योजना से जुड़ने में मदद कीजिए. उन्होंने कहा, यही पीड़ा मेरे मन मस्तिष्क में थी. उसी पीड़ा में से इस योजना ने जन्म लिया है-प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना.
हर गरीब इस योजना से जुड़ सकेगा
मोदी ने कहा कि गरीबों के नाम पर वोट बटोरने वालों ने 55 साल तक देश में राज किया, लेकिन असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए कोई योजना नहीं बनाई. इसका कारण नीयत में है जिनके लिए गरीबी सिर्फ फोटो खिचवाने का खेल होता है, जिसे कभी भूखे पेट सोने का दर्द नहीं पड़ता उसके लिए गरीबी एक मानसिक अवस्था होती है. हमारे लिए तो गरीबी एक बहुत बड़ी चुनौती है. गरीबी से झूझने के लिए पूरा परिवार खप जाता है. कोई भी गरीब, वो चाहे अनपढ़ ही क्यों न हो, वो भी इस योजना से आसानी से जुड़ सकता है.
कॉमन सेंटर में भरना होगा फॉर्म
मोदी ने कहा कि ऐसे श्रमिक जिनकी उम्र 18-40 साल के बीच है और मासिक कमाई 15,000 रुपये से कम है, वो सभी इस योजना से जुड़ सकते हैं. इस योजना का हिस्सा बनने के लिए श्रमिक साथियों को नजदीकी कॉमन सेंटर में जाकर फॉर्म भरना होगा. आपका काम सर्विस सेंटरों पर कुछ ही मिनटों में हो जाएगा. यही तो डिजिटल इंडिया का कमाल है. मोदी ने कहा, 2014 से पहले देश में जहां लगभग 80 हजार कॉमन सर्विस सेंटर थें, वहीं अब हमारी सरकार में इनकी संख्या बढ़कर के 3,00,000 से ज्यादा हो गई है.
बता दें, इस योजना का ऐलान अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट के दौरान किया था. इसके लिए बजट में 500 करोड़ रुपए की राशि भी आवंटित की गई है. प्रधानमंत्री श्रम मानधन पेंशन योजना का मुख्य लक्ष्य असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को रिटायरमेंट के बाद सुरक्षा देना है.
मासिक पेंशन देने की योजना
फेरी लगा कर सामान बेचने वाले, रिक्शा-ठेला चलाने वाले, दिहाड़ी मजदूरी करने वाले, घरों में काम करने वाली जैसे असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को 60 साल के बाद 3000 रुपये की मासिक पेंशन देने की योजना है. इस योजना की घोषणा बजट में की गई थी. वित्त मंत्रालय ने इसके लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.
अंसगठित क्षेत्र के कामगार
श्रम मंत्रालय के मुताबिक, 40 साल तक के कामगार इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद रजिस्टर्ड व्यक्ति को 3 हजार रुपए की पेंशन हर महीने मिलेगी. योजना में हर महीने 15 हजार रुपए कमाने वाले अंसगठित क्षेत्र के कामगार शामिल होंगे.
ये होगी शर्त
जो भी व्यक्ति इस योजना से जुड़ेगा उसके पास आधार कार्ड और बैंक में अकाउंट होना जरूरी है. इसका रजिस्ट्रेशन कॉमन सर्विस सेंटर में जाकर करवाया जा सकता है. अगर आपने रजिस्ट्रेशन करा लिया है तो यही आपका आवेदन होगा. आप इस योजना की जानकारी 1800 2676 888 टोल फ्री नंबर पर ले सकते हैं. इसके लिए 18 साल से कम की उम्र नहीं होनी चाहिए. अगर कोई 18 साल की उम्र में इससे जुड़ता है तो उसे हर महीने सिर्फ 55 रुपए जमा करने हैं. वहीं 40 साल के व्यक्ति को हर महीने 200 रुपए की रकम जमा करनी होगी. 29 साल की उम्र वाले को इस योजना से जुड़ने के लिए 100 रुपए प्रति महिना जमा करवाने होंगे. आपको 60 साल की उम्र तक ये रकम देनी है. आप जितनी रकम जमा करेंगे उतनी ही रकम सरकार भी आपके नाम से जमा करेगी.