मध्य प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही बीजेपी के नेताओं को जगह-जगह विरोध का सामना करना पड़ रहा है.ताजा मामला उज्जैन की नागदा-खाचरौद सीट का है. जहां बीजेपी प्रत्याशी दिलीप सिंह शेखावत को चुनाव प्रचार के दौरान खेड़ावदा गाँव में एक व्यक्ति ने जूते की माला पहना दी. इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है.
ये है पूरा मामला
वीडियो में यह साफ दिखाई दे रहा है कि जब बीजेपी प्रत्याशी दिलीप सिंह शेखावत एक ग्रामीण के पैर छूकर वोट का अनुरोध करते हैं तो ग्रामीण ग्रामीण उनके गले में एक माला पहना देता है. इसके बाद बीजेपी प्रत्याशी शेखावत ग्रामीण को पीटते भी नजर आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि जिस व्यक्ति ने बीजेपी प्रत्याशी को जूतों की माला पहनाई उसका नाम मांगीलाल है.
बीजेपी विघायक ने बताया, कांग्रेस की साजिश
वहीं दूसरी तरफ बीजेपी उम्मीदवार दिलीप सिंह शेखावत ने इस पूरी घटना पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि ये सबकुछ कांग्रेस का करा धरा है।
सीएम की पत्नी का भी हुआ था विरोध
यह पहला मौका नहीं है जब बीजेपी विधायकों या मंत्रियों के साथ इस तरह का व्यवहार हुआ हो, या बीजेपी नेताओं को जनता का गुस्सा झेलना पड़ रहा है. इसके पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह का कुछ महिलाओं ने विरोध कर दिया था. दरअसल, साधना सिंह बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं के साथ सीहोर के रेहटी इलाके में जनसंपर्क के लिए गई हुईं थीं, लेकिन उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उन्हें जनता के गुस्से का सामना इस कदर करना पड़ेगा. एक महिला तो इतना बिफर पड़ी कि कहने लगी-वो लोग प्यासे मर रहे हैं.. नेता वोट लेने के टाइम कहते हैं होगा .
बेटे कार्तिकेय से पूछा, अब क्यू्ॅं आए हो ?
वहीं, उसके बाद जब शिवराज के बेटे कार्तिकेय बुधनी विधानसभा सीट पर वोट मांगने पहुंचे थे तो उनसे लोगों ने यह तक पूछ लिया था कि अब क्यों आए हो. दरअसल कार्तिकेय अपने पिता मुख्यमंत्री शिवराज के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में जनसंपर्क करने गए थे। यहां ग्रामीणों ने उन्हें सड़क और पानी की समस्या को लेकर घेर लिया। वरिष्ठ नेताओं ने ग्रामीणों को शांत कराया और उनकी सभी समस्याओं को जल्द हल कराने का आश्वासन दिया। जनता के विरोध के बाद शिवराज वहां से चलते बने .
इंदौर के बीजेपी विधायक को दी थी गालियाँ
वहीं, इंदौर के सावेर में यहां से बीजेपी विधायक राजेश सोनकर चुनाव प्रचार के लिए बीसा खेड़ी गांव पहुंचे तो लोगों ने उनका गांव में घुसने से विरोध कर दिया था. लोग उन्हें गालियां देने लगे. लोगों ने उनके खिलाफ ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ नारे भी लगाए. जिसके बाद विधायक को वहां से भागकर निकलना पड़ा.