बिहार की पूर्व मंत्री और बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड की आरोपी मंजू वर्मा ने बेगूसराय के मंझौल अनुमंडल कोर्ट में मंगलवार को सरेंडर कर दिया. दरअसल, मंजू वर्मा आर्म्स एक्ट मामले में फरार चल रही थी.
पुलिस को कई महीने से उनकी तलाश थी, जिसके बाद मंगलवार को मंजू वर्मा बुर्का पहनकर कोर्ट में पहुंची ताकि इसकी भनक किसी को न लगे. वर्मा सरेंडर करने से पहले कोर्ट परिसर में कई बार बेहोश होते हुए भी देखी गई. मंजू वर्मा पिछले 3 महीने से फरार चल रही थी.
कुर्की और जब्त करने के दबाव से किया सरेंडर
वहीं हाल में कोर्ट की तरफ से मंजू की संपत्ति की कुर्की और जब्त करने संबंधी आदेश दिए गए, जिसके बाद शनिवार से ये प्रक्रिया शुरू कर दी गई. कोर्ट के इस आदेश के बाद बेगुसराय स्थित उनके आवास को कुर्क करने का काम शुरू हो गया. इस दौरान उनके घर को तोड़ा गया और यहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी. बेगूसराय के मंझौल अनुमंडल कोर्ट ने पुलिस की याचिका पर सुनवाई करते हुए मंजू वर्मा के इश्तेहार लगाने, कुर्की और जब्त करने के आदेश दे दिए. दरअसल, मंजू वर्मा सरेंडर कर दे इसके लिए ये दबाव बनाया गया था जो कि काम कर गया और आज मंजू वर्मा ने कोर्ट में आकर सरेंडर कर दिया.
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अगले हफ्ते जमानत याचिका पर सुनवाई
वहीं मंजू वर्मा के वकील सत्यनाराणण महतो ने बताया कि उन्होंने अग्रिम जमानत की याचिका कई बार हाईकोर्ट में दी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया. जिसके बाद अब उन्होंने अग्रिम जमानत की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की है जिस पर अगले हफ्ते सुनवाई होगी.
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ये है पूरा मामला
बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को पूर्व समाज क्ल्याण मंत्री मंजू वर्मा का करीबी माना जाता है. जिसके बाद इस कांड को लेकर ही नीतीश कैबिनेट से मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा. दरअसल, मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में कई लड़कियों से कथित तौर पर बलात्कार हुआ था. वहीं टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा राज्य के समाज कल्याण विभाग को सौंपी गई एक ऑडिट रिपोर्ट में ही ये मामला सबसे पहले उजागर हुआ था.