संयुक्त राष्ट्र को म्यांमार में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं : सेना प्रमुख

Myanmar army chief says UN has 'no right to interfere in Rohingya crisis

नेपेडा: म्यांमार के सेना प्रमुख सीनियर जनरल मिन ऑन्ग हैंग ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को देश के मामले में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने कहा था कि उनको अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय के लोगों की सुनियोजित सामूहिक हत्या के तथ्य मिले हैं.

समाचार एजेंसी ‘एफे’ के अनुसार, सेना प्रमुख का यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब रखाइन प्रांत में रोहिंग्या के साथ दुष्कर्म और उनकी हत्या के मामले में म्यांमार के सेना प्रमुख और सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका की जांच करने की विशेषज्ञों ने सिफारिश की है.

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सेना के स्वामित्व वाला अखबार म्यावेडी डेली की सोमवार की रपट के अनुसार, देश के उत्तर-पश्चिम इलाके के शहर लाशियो में रविवार को अपने संबोधन में मिन ऑन्ग हैंग ने कहा कि सेना का पहला कर्तव्य देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा करना होता है. उन्होंने कहा कि किसी भी समूह को म्यांमार के आंतरिक मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है.

यूएन की रपट के अनुसार, रखाइन में चलाए गए सैन्य अभियान में 10,000 लोग मारे गए और 7,25,000 लोगों को भागकर बांग्लादेश में शरण लेना पड़ा. सरकारी सुरक्षा चौकियों पर हमले के बाद वहां 25 अगस्त, 2017 को सैन्य अभियान शुरू किया गया था. अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने मामले में प्रारंभिक जांच शुरू की है.

SOURCEIANS
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