2019 के लोकसभा चुनाव आने ही वाले हैं और इसे लेकर सभी पार्टियों ने अपने चुनावी दाव खेलने
भी शुरु कर दिए हैं कहीं गठबंधन की बात चल रही है तो कहीं महागठबंधन की अब देखना ये होगा
कि किसकी कोशिशें कामयाब होती हैं.
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आपको बता दें कि 2019 के चुनाव से पहले कई पार्टियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी
दलों को इकट्ठा करने की कोशिशों में लगे हुए हैं और अभी हाल में उड़ीसा के मुख्यमंत्री और बीजू
जनता दल के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने महागठबंधन में शामिल होने से इनकार किया है.
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नवीन पटनायक ने महागठबंधन में शामिल होने सो इंकार करते हुए कहा कि वह भारतीय जनता
पार्टी और कांग्रेस से बराबर दूरी बनाए रखेंगे बीजू जनता दल उड़ीसा का सबसे बड़ी राजनीतिक दल
है और 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान राज्य की 21 में से 20 सीटें बीजू जनता दल के खाते में
गईं थी, भारतीय जनता पार्टी एक सीट जीतने में कामयाब हो पाई थी जबकि कांग्रेस को बुरी तरह
हार मिली थी.
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विपक्षी दलों को बीजू जनता दल अगर महागठबंधन में शामिल नहीं होने से बड़ा झटका लगेगा. उड़ीसा
में लोकसभा चुनावों के साथ विधानसभा चुनाव भी होते हैं और राज्य में बीजू जनता दल की स्थिति
अन्य सभी दलों के मुकाबले काफी मजबूत है औऱ इसी वजह से मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने
आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले किसी भी पार्टी के साथ नहीं जाने का फैसला
किया है लेकिन विपक्षी दलों को बीजू जनता दल के महागठबंधन में शामिल ना होने से काफी
परेशानी का सामना पड़ सकता है.