नवरात्रि पर कन्या पूजन का है विशेष महत्व, जानें मुहूर्त और विधि

नवरात्रि पर कन्या पूजन का है विशेष महत्व, जानें मुहूर्त और विधि

लखनऊ: देशभर में शारदीय नवरात्रि (Navratri 2023) को बड़े आस्था के साथ मनाया जा रहा है। इस साल कोरोना के भय को देखते हुए सार्वजनिक पूजा पंडालों की मनाही है लेकिन घरों में मां दुर्गा की भव्य पूजा अर्चना जारी है। हिंदू रिवाज में नवरात्रि के अष्टमी पर कन्या पूजा, कुमारिका पूजा या कंजक पूजा का महत्व काफी बड़ा है। माना जाता है कि कन्याओ में स्वयं मां दुर्गा विराजमान होती हैं। आइए जानते हैं इस साल कब होगी कन्या पूजन (Kanya Puja) ।

कन्या पूजा का मुहूर्त

इस साल शारदीय नवरात्रि में कन्या पूजन 23 अक्टूबर दिन को है। पंचाग के मुताबित अष्टमी तिथि का प्रारंभ 23 अक्टूबर की सुबह 6 बजकर 57 मिनट पर शुरु हो रहा है, जो 24 अक्टूबर की सुबह 6 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। ऐसे में कन्या पूजा 23 अक्टूबर का ही दिन सर्वोत्तम है।

कन्या पूजा के नियम

  • कन्या पूजा में 2 वर्ष से लेकर 12 वर्ष तक की कन्याओं को शामिल किया जा सकता है। कन्या पूजन के लिए आपको नौ कन्याओं को उनके घर जाकर बड़े ही आदर के साथ आमंत्रित करना चाहिए। कोशिश करें कि एक दिन पहले ही आप सभी को इसकी सूचना दे दें।
  • भोज के लिए आमंत्रित 9 देवीस्वरुप कन्याओं के साथ एक छोटा बालक भी होना बहुत जरूरी है। इस बालक को बाबा बटुक भैरव का स्वरुप माना जाता है।
  • कन्याओं को घर आमंत्रित करके उनके पैर को साफ पानी से बड़े ही पवित्र भाव से धुलना चाहिए। उसके बाद उनके माथे पर चंदन  का तिलक लगाते हैं और फूल, अक्षत् अर्पित करना है।
  • इसके बाद सभी को एक पंक्ति में बैठाकर खुद उनके सामने भोजन परोसना होता है। भोजन के बाद सभी कन्या और बालक के चरण स्पर्श करके आर्शीवाद लेना चाहिए। सके साथ ही अपनी आस्था के अनुसार दक्षिणा स्वरुप कुछ उपहार भी देना चाहिए।
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