राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में तख्तापलट की तस्वीर अब साफ हो गई है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार को बड़ा झटका लगा है। बगावत करने वाले उनके भतीजे व महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की बुलाई गई बैठक में एनसीपी के 53 में से कम से कम 32 विधायक शामिल हुए। इस हिसाब से भतीजे अजित पवार का शक्ति प्रदर्शन सफल होता दिख रहा है।
एनसीपी का शरद पवार धड़ा दक्षिण मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर में और पार्टी का ही अजित पवार धड़ा उपनगरीय बांद्रा के भुजबल नॉलेज सिटी में MET कॉलेज परिसर में अलग-अलग बैठक कर रहा है। दोनों गुटों ने दावा किया था कि उन्हें ज्यादातर विधायकों का समर्थन हासिल है। लेकिन असल में अजित पवार के साथ पार्टी के अधिकतर विधायक खड़े दिख रहे है।
एमईटी बांद्रा में अजित पवार गुट की एनसीपी उनकी ओर प्रति अपना समर्थन पाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं से शपथ पत्र भरवा रही है। अजित पवार की बैठक में बड़ी संख्या में एनसीपी विधायक और पदाधिकारी पहुंचे है।
एनसीपी (अजित पवार गुट) नेता छगन भुजबल ने दावा किया कि 40 से अधिक विधायक और एमएलसी हमारे साथ हैं। उन्होंने मंच से कहा, हमने शपथ लेने से पहले पूरी मेहनत की है, सारी तैयारी की गई है। हमने शपथ ऐसे ही नहीं ली।” एनसीपी नेता ने आगे कहा, “हम पर कानूनी मामलों के डर से यहां (अजित पवार के साथ) आने का आरोप लगाया जा रहा है। यह सही नहीं है। धनंजय मुंडे, दिलीप वाल्से पाटिल और रामराजे निंबालकर के खिलाफ कोई मामला नहीं है। हम यहां केवल इसलिए हैं क्योंकि आपके (शरद पवार) साहब के आसपास कुछ करीबी सहयोगी हैं, वे पार्टी को खत्म करना चाहते हैं। एक बार जब आप उन्हें किनारे कर देंगे तो हम आपके पास वापस आने के लिए तैयार हैं।“