नगर निगमों में आरक्षण के खिलाफ याचिका खारिज

देहरादून: राज्य के सात नगर निगमों में मेयर पद के लिए निर्धारित आरक्षण मामले में हाईकोर्ट में दायर याचिका ख़ारिज. इससे राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट ने नगर निगमों में मेयर पदों के आरक्षण को असंवैधानिक करार देेते हुए निरस्त करने की मांग करती जनहित याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट के फैसले के बाद निकाय चुनाव टलने व आरक्षण में बदलाव को लेकर उठ रही चर्चाओं पर विराम लग गया है.

शुक्रवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में अधिवक्ता डीके त्यागी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता का कहना था कि रूड़की को छोड़कर देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, कोटद्वार, रुद्रपुर, काशीपुर व हल्द्वानी में मेयर पद के लिए आरक्षण का निर्धारण गलत तरीके से किया है. सरकार द्वारा सात मेयर पदों में से पांच को आरक्षित घोषित कर दिया, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में साफ किया है कि आरक्षण 50 फीसद से अधिक नहीं होना चाहिए.

ये भी पढ़ें- पत्थरबाजों के हमले में उत्तराखंड का जवान शहीद

मेयर आरक्षण में आरक्षण का प्रतिशत 70 पहुंच गया है, लिहाजा नए सिरे से आरक्षण तय किया जाए. कोर्ट ने कहा कि राज्य में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है, इसलिए चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप उचित नहीं है. खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद जनहित याचिका खारिज कर दी अलबत्ता याचिकाकर्ता को छूट प्रदान की है कि यदि उन्हें लगता है कि इसमें कानूनी पेच है तो चुनाव बाद चुनाव याचिका दायर कर सकते हैं. जनहित याचिका खारिज होने के बाद सरकार ने राहत की सांस ली है.

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles