निर्भया गैंगरेप मामले में दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को होने वाली फांसी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। साथ ही मामले की अदालत में खुली सुनवाई की मांग भी ठुकरा दी है। पीठ ने कहा कि याचिका के लिए कोई आधार नहीं है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की पीठ ने चेंबर में विचार कर फैसला लिया है।
बता दें कि दोषी पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में पवन गुप्ता ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की थी।
2012 Delhi gangrape case: One of the convict Pawan's curative petition has been dismissed by the Supreme Court. The petition had sought commutation of his death penalty to life imprisonment. pic.twitter.com/2KhruqyxVb
— ANI (@ANI) March 2, 2020
3 मार्च को निर्भया के चारों दोषियों को फांसी होनी है. बाकी तीन दोषियों अक्षय, विनय, मुकेश की क्यूरेटिव और राष्ट्रपति के समक्ष दायर की गई दया याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है।
दोषी पवन गुप्ता को बचाने के लिए उसके वकील एपी सिंह ने शुक्रवार को शीर्ष अदालत के समक्ष क्यूरेटिव पिटीशन दायर किया था। उन्हाेंने को बताया कि उनकी मौत की सजा को आजीवन कारावास की दिशा में ले जाने कोशिश की जा रही है।
वहीं पटियाला कोर्ट में एक दूसरे दोषी अक्षय ने 29 फरवरी को दोबारा याचिका लगाई है। जबकि जेल अथॉरिटी ने कहा कि पवन को छोड़कर सभी के कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं। ये जानबूझकर मामले को देरी कर रहे हैं। कोर्ट ने दोषी के वकील एपी सिंह को भी फटकार लगाई है।