देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिंसबर 2012 की सर्द रात को ऐसी दरिंदगी को अंजाम दिया गया. जिसने पूरे देश को झकझोर दिया. देश की राजधानी दिल्ली की सड़कों पर लाखों की संख्या में क्या बच्चे, क्या बूढ़े सभी उम्र के लोग उतर आए थे. सभी की एक ही मांग थी दरिंदों को फांसी दो. देश से लेकर विदेश तक भारत में महिलाओं की स्थिती को लेकर बहस तेज हो गई.

निर्भया के आरोपियों को नहीं हुई फांसी

निर्भया कांड को 6 साल बीत चुके है लेकिन आज भी उसके गुनहगारों को फांसी पर नहीं चढ़ाया गया. निर्भया के माता पिता को आज भी दरिदों की फांसी का इंतजार है. निर्भया की मां का कहना है कि, आज भी अपराधी जिंदा है और यह कानून व्यवस्था की हार है. इसी साल सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के मुजरिमों की रिव्यू पिटिशन खारिज करते हुए फांसी की सजा बरकरार रखी था. निर्भया के पिता ने बताया कि 9 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू पिटिशन खारिज कर दिया. लेकिन अभी तक आरोपियों को फांसी पर नहीं चढ़ाया गया है. पुलिस ने इस मामले में पांच वयस्क दोषियों के खिलाफ हत्या, गैंगरेप, हत्या की कोशिश, अपहरण, डकैती का केस दर्ज किया था. दिल्ली पुलिस ने मुकेश, विनय, पवन और अक्षय राम सिंह को गिरफ्तार किया था. और एक नाबालिग आरोपी को भी गिरफ्तार किया था.

इंसानियत हुई थी शर्मसार

17 दिंसबर की सुबह जब लोग जागे को उन्हें मानवता को शर्मशार कर देने वाली घटना ने सन्न कर दिया. निर्भया को हैवानों ने ऐसे नोच खाया था जैसे किसी जानवर ने खाया हो. निर्भया के शरीर पर दातों के ही निशान थे. निर्भया के साथ इस जघन्य अपराध को  DL 1PC 0149 नंबर की बस में अंजाम दिया गया. आरोपियों ने पहले युवती के साथ छोड़छाड़ कि और जब उसके दोस्त ने विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की गई. फिर दरिंदों ने निर्भया के साथ चलती कार में गैंगरेप किया. उसके बाद एक आरोपी ने निर्भया के प्राइवेट पार्ट में जंग लगी लोहे की रॉड डाल दी. उसके बाद उन्होंने निर्भया को चलती बस ने नीचे फेंक दिया और उस पर बस चढ़ाने की कोशिश की. निर्भया को सफदरजंग में पुलिस ने भर्ती कराया था. निर्भया 13 दिनों तक लड़ती रही लेकिन अंत में उसने दम तोड़ दिया.

दिल्ली में हर रोज 6 महिलाओं के साथ होता है रेप

निर्भया कांड के बाद देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक मुहिम चली थी. कई नए नियम बनाए गए थे. कई नियम बदले गए थे. लेकिन इसके बावजूद दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा आज भी सवालों के घेर में है. 2016-2017 के एनसीआरबी के आंकड़ो को देंखे तो महिलाओं के खिलाफ अपराध पूरे देश में 50 फीसदी से ज्यादा बढ़े है. जबकि दिल्ली में यह आंकड़ा ओर भी चौकाने वाला है. 2012 में दुष्कर्म के 706 मामले दर्ज किए गए. 2014 में इनमें तीन गुना इजाफा हुआ और आंकड़ा 2166 पहुंच गया. 2015 में भी दुष्कर्म के 2199 मामले दर्ज हुए. साल दर साल दुष्कर्म के मामलों में इजाफा हो रहा है.

क्या हुआ निर्भया फंड का

2012 में निर्भया के नाम से निर्भया फंड भी शुरू किया गया था. साल 2013 में सरकार ने इस फंड में 1000 करोड़ रुपये की राशि डालनी शुरू कर दी. इस फंड के लिए भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को नोडल एजेंसी बनाया गया था. निर्भया फंड में जमा राशि के उपयोग के लिए 16 प्रस्तावों में 14 को मंजूर किया गया और उसके लिए 2047.85 करोड़ रुपये का बजट पास हुआ. लेकिन मार्च 2017 तक विभिन्न मंत्रालयों ने मात्र 554.44 करोड़ रुपये का बजट खर्च करने का ब्योरा दिया था. यानि पैसा खर्च ही नहीं किया गया.

 

 

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