एमिटी इंटरनेशनल स्कूल में 10वीं के छात्र शिवांश पाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सात सितंबर को चंद्रयान-2 को चंद्रमा पर उतरते हुए देखेंगे। उनका चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा mygov.in के सहयोग से आयोजित एक ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के आधार पर किया गया है।
10 से 25 अगस्त के बीच हुई इस प्रतियोगिता का उद्देश्य अंतरिक्ष कार्यक्रम के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। शिवांश पाल भारत के उन 74 स्कूली छात्रों में से एक हैं, जिनका चयन प्रधानमंत्री के साथ चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने के लिए हुआ है। चयनित छात्र बंगलूरू स्थित इसरो ट्रेनिंग सेंटर से चंद्रयान-2 को उतरते देखेंगे।
सेक्टर-50 में रहने वाले शिवांश चंद्रयान-2 मिशन का हिस्सा बनने पर बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि चयन का मापदंड कम समय में अधिक सही उत्तर देना था। इससे उनके एस्ट्रोफिजिस्ट में करियर बनाने के सपने को बढ़ावा मिला है। वह भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में अपना योगदान देना चाहते हैं।
उनके पिता संजय पाल ने बताया कि 30 अगस्त को इसरो से आए ईमेल में चयन के बारे में जानकारी दी गई थी। यह पूरे परिवार के लिए काफी खुशी का पल है। इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की उत्पत्ति और विकास, खनिज विज्ञान, सतह रासायनिक संरचना, थर्मो-भौतिक विशेषताओं और वातावरण के विस्तृत अध्ययन के माध्यम से हमारे ज्ञान का विस्तार करना है।
एमिटी इंटरनेशनल स्कूल की चेयरपर्सन डॉ. अमिता चौहान ने कहा कि शिवांश जिले के एकमात्र छात्र हैं, जिनका चयन इसरो द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में हुआ है। उन्होंने शिवांश को सलाह दी कि वह वहां से प्राप्त ज्ञान और अनुभव को अपने साथी छात्रों के बीच साझा करें।
चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश होगा भारत
चांद पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले चीन, अमेरिका और रूस ही ऐसा कर सके हैं। भारत ने 22 जुलाई को 3840 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 को जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट से प्रक्षेपित किया था। चंद्रयान-2 चंद्रमा पर शोध करने वाला भारत का दूसरा मिशन है और इसमें पूरी तरह से स्वदेशी तकनीकी से बनाया गया ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर शामिल हैं।