नई दिल्ली। धारा 370 हटाने के बाद बदले माहौल में पाक अधिकृत कश्मीर को लेकर भारत का रुख सख्त होता जा रहा है। गुरूवार को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भी कह दिया कि सेना तैयार है, अगर सरकार पीओके की भारत में वापसी को लेकर कोई निर्देश देती है तो कारवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की तरफ से जंग की गीदड़ भभकियों के बीच भारत के हौसले बुलंद हैं। भारत को ना सिर्फ विश्व समुदाय का समर्थन हासिल हुआ है बल्कि केंद्र सरकार ने साफ़ कह दिया है कि अब अगर पाकिस्तान से कोई बात होती भी है तो वो सिर्फ पाक अधिकृत कश्मीर पर होगी। संविधान में जम्मू कश्मीर के लिए विशेष प्रावधान ख़त्म करने के दौरान हुई बहस में गृह मंत्री ने साफ़ कहा था कि जब वो जम्मू-कश्मीर बोलते हैं तो उसमें पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भी शामिल होता है।
इधर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को यह कहकर पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है कि हमारा अगला एजेंडा अब पीओके है। जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिनों की सबसे बड़ी उपलब्धि में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करना शामिल है और हमारा अगला एजेंडा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाना है।
सिंह ने पीओके के मुद्दे पर कहा कि यह केवल भारतीय जनता पार्टी की प्रतिबद्धता नहीं है बल्कि यह 1994 में पी वी नरसिंह राव के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा सर्वसम्मति से पारित संकल्प है। और यह एक स्वीकार्य रुख है।
अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त करने पर पाकिस्तान की ओर से शुरू किए गए दुष्प्रचार अभियान पर केंद्रीय मंत्री सिंह ने कहा कि विश्व का रुख भारत के अनुकूल है। उन्होंने कहा, “कुछ देश जो भारत के रुख से सहमत नहीं थे, अब वे हमारे रुख से सहमत हैं।” सिंह ने कहा कि कश्मीर में मिलने वाले लाभों को लेकर आम आदमी खुश है।