मध्यप्रदेश में विपक्ष लगातार ईवीएम से छेड़छाड़ की बात कह रह है. और इन आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने इस बात को स्वीकार किया कि विधानसभा चुनाव के दौरान वोटिंग मशीन से जुड़ी प्रक्रिया में गलतियां हुई है. साथ ही चुनाव आयोग ने जोर देते हुए इस बात को भी कहा कि मशीनों से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं हुई.
मध्यप्रदेश के सागर जिले में बिना नंबर की एक गाड़ी ईवीएम को लेकर कलेक्टर के दफ्तर पहुंची थी. साथ ही एक होटल से भी ईवीएम मशीन बरामद हुई थी. जिसका वीडियों जारी करते हुए कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि एमपी और छत्तीसगढ़ में जनादेश को बदलने की कोशिश हो रही है. इसके साथ ही भोपाल में एक स्ट्रांग रूम में लगा सीसीटीवी दो घंटे तक काम नहीं कर पाया था. इन सभी बातों को लेकर कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से भी मिला था.
कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने ट्वीट करके चुनाव आयोग से गुजारिश की थी कि चुनाव आयोग इस मामले की जांच करे साथ ही दोषियों पर सख्त कर्रवाई करें. सीथ ही कांग्रेस के एक अन्य नेता विवेक तनखा ने कलेक्टर दफ्तर में देरी से जमा हुई ईवीएम को लेकर आरोप लगया था कि, इन मशीनों को कलेक्टर के कार्यालय में जमा कराना था. उन्होंने आगे कहा कि, इन अतिरिक्त ईवीएमों को चुनाव के दो घंटे बाद जमा कराना था लेकिन यह दो दिन बाद जमा हुई. ऐसा खुरई सीट पर हुआ है. खुरई सीट से ही राज्य के गृह मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं.”
चुनाव आयोग ने इस बाबत कहा कि, यह मशीनें बैकअप के लिए रिजर्व रखी गई थीं. चुनाव आयोग ने शनिवार को बताया कि खुरई वाले मामले में मशीनें देरी से जमा कराने के लिए नायब तहसीलदार राजेश मेहरा को सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही चुनाव आयोग ने बीजेपी नेता के होटल में ईवीएम मशीनों के साथ अधिकारियों के वीडियो सामने आने पर कहा कि, अधिकारियों द्वारा होटल में ईवीएम मशीनों के साथ जाना नियमों की अनदेखी थी और जैसे ही खबर मिली संबंधित अधिकारियों को हटा दिया गया.