नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार 13 प्वॉइंट रोस्टर के खिलाफ अध्यादेश पर मंजूरी मिल गई है. गुरुवार को प्रधानमंत्री आवास में होने वाली कैबिनेट बैठक में 13 प्वॉइंट रोस्टर को पलटकर 200 प्वॉइंट रोस्टर सिस्टम लागू करने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. ऐसा माना जा रहा है कि मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल यह आखिरी कैबिनेट बैठक है. कैबिनेट बैटक के बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने इसकी जानकारी दी.
बता दें, विश्वविद्यालयों की नौकरियों में दलित, आदिवासियों और ओबीसी के लिए आरक्षण लागू करने के नए तरीके 13 प्वॉइंट रोस्टर को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ लगातार विरोध किया जा रहा था. इससे पहले दलित-आदिवासियों और ओबीसी संगठनों ने पांच मार्च को भारत बंद किया था. दरअसल, उनकी मांग है कि 200 प्वॉइंट रोस्टर सिस्टम को लागू किया जाए.
अरुण जेटली ने कहा कि 13 प्वाइंट रोस्टर की वजह से विश्वविद्यालयों में कमजोर वर्गों का प्रतिनिधित्व कम हो जाता, इसकी वजह से केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया है. जेटली ने कहा कि चीनी उत्पादन के लिए कैबिनेट ने अतिरिक्त फंड को मंजूरी दी है. उन्होंने बताया कि आर्थिक मामलों की केंद्रीय समिति ने पश्चिम बंगाल के नरायणगढ़ और ओडिशा के भद्रक के बीच तीसरे रेलवे लाइन के निर्माण को मंजूरी दे दी.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि दिल्ली में जो अनधिकृत कॉलोनियां हैं, उसके लिए दिल्ली के उप राज्यपाल की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है. यह कमेटी विचार करेगी की जहां लोगों की रिहायश हो गई है वहां लोगों को जमीन का मालिकाना कैसे दिया जाए इस पर विचार किया जाएगा. क्योंकि इन जगहों पर बड़ी आबादी रहती है.
क्या है 13 पॉइंट रोस्टर प्रणाली
13 पॉइंट रोस्टर प्रणाली के अनुसार विश्वविद्यालयों के असोसिएट प्रफेसर पद पर नियुक्ति के लिए विभाग के आधार पर आरक्षण लिस्ट तैयार होगी। इसके तहत नियुक्तियां विभागवार होनी थी, जिसका कई संगठन विरोध कर रहे थे। विरोध की वजह है कि विभागवार नियुक्ति के कारण आरक्षित वर्ग के लिए सीटों की संख्या पर असर पड़ता। यूनिवर्सिटी में नौकरी के लिए बहुत कम सीटें निकलती हैं और ऐसे में विभागवार रोस्टर होने पर आरक्षित वर्ग के लिए सीटें कम हो जातीं।