अब OTP फ्रॉड पर लगेगी लगाम, ये नया सिस्टम लगाएगा हैकर्स की क्लास!

अब OTP फ्रॉड पर लगेगी लगाम, ये नया सिस्टम लगाएगा हैकर्स की क्लास!

हैकर्स कई तरीकों से यूजर्स का अकाउंट खाली करते हैं जिनमें से एक OTP फ्रॉड भी है. इसके तहत कई लोगों को लाखों रुपये का चूना लगाया गया है. हालांकि, अब इसका तोड़ निकाल लिया गया है. IIT मंडी के रिसर्चर्स ने एक नया सिस्टम बनाया है जो सिक्योर ऑथेटिकेशन के लिए यूनीक यूजर बायोमेट्रिक-आधारित बीहेवियर पैटर्न को कैप्चर करता है और OTP फ्रॉड होने से रोकता है.

क्या है सिस्टम का नाम: इस सिस्टम को adapID नाम दिाय गया है. इसे डीप एल्गोरिदम की मदद से डेवलप किया गया है जिसमें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के मंडी के सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स (सीएआईआर) के अमित शुक्ला और डीप एल्गोरिदम के जेपी मिश्रा शामिल हैं.

टेक्नोलॉजी का लिया पेटेंट: डीप एल्गोरिदम एक आईआईटी मंडी और आईआईटी कानपुर की इनक्यूबेटेड कंपनी है जिसका हेड ऑफिस हैदराबाद में है, रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑफिस IIT मंडी में और पार्टनर ऑफिस अमेरिका में है. इस सिस्टम को पहले ही पेटेंट मिल चुका है. इसे बैंक और फॉरेंसिक कंपनी में इंस्टॉल किया गया है.

अमित शुक्ला के अनुसार, पुराने तरह के डिवाइस अनलॉकिंग सिस्टम पर भरोसा नहीं किया जा सकता है क्योंकि इन्हें आसानी से हैक किया जा सकता है. इससे साइबर फ्रॉड, OTP फ्रॉड, डाटा ब्रीच हो सकते हैं. इस तरह के मेथड पासवर्ड और OTP पर निर्भर रहते हैं जिससे फिशिंग अटैक होने की संभावना बढ़ जाती है.

adapID कैसे करती है काम: 
शुक्ला ने बताया कि यह नई टेक्नोलॉजी पासवर्ड और OTP की जरूरत खत्म करती है. adapID AI एडेप्टिव ऑथेंटिकेशन व्यक्ति के बीहेवियर और साइकोलॉजिकल बायोमेट्रिक्स पर काम करेगा. यह सर्विस इन दोनों चीजों को मैच करती है और लॉगइन करने में मदद करती है. इसमें एक यूनीक और इनविजिबल कीबोर्ड होता है जिसे केवल यूजर की देख सकता है. इसमें एक डिसेंट्रलाइज्ड वेब प्रोटोकॉल है . हालांकि, यह क्लियर नहीं किया गया है कि adapID तकनीक OTP के विकल्प के तौर पर कैसे काम करेगी.

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