पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को बीते सफ्ताह वजीराबाद में उनके लॉन्ग मार्च के दौरान उनपर हमला किया गया था क्योंकि हमला करने वालों ने कहा था कि वह ‘इजरायल के सपोर्टर ’ हैं. एक इजरायली मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह जानकारी दी गई है. इजराइल के हारेत्ज न्यूज पेपर की रिपोर्ट के मुताबिक, खान ‘शायद पहले पाकिस्तानी लीडर नहीं हैं जिन्होंने सियासी फायदे के लिए इस प्रकार के बयानबाजी का समर्थन किया हो.
इजराइली अखबार द न्यूज ने हारेट्ज की रिपोर्ट के हवाले से कहा, ‘उन्होंने अपनी सियासत को विस्तार देने के लिए हिंसा का प्रयोग किया. उन्होंने संसदीय सर्वोच्चता को क्षति पहुचाई, नेताओं पर हमलों का सपोर्ट किया और जानबूझकर कानूनों के दायरे को बढ़ाया. जब उन्हें हटा दिया गया तो उन्होंने कूट रचित सिद्धांतों के जरिए संदेह उत्पन्न किया.
जब मई में एक पाकिस्तानी ग्रुप ने इजराइल की यात्रा की, तो खान ने यहूदी प्रदेश को मान्यता देने की दिशा में नई सरकार के प्रदर्शन का हवाला देते हुए उन्हीं यहूदी विरोधी आरोपों को दोहराया, जो उनके विरुद्ध प्रयोग किए गए थे.’