एयर इंडिया ने उस पायलट की सेवाएं समाप्त कर दी हैं, जिसे भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालित करने के बाद शराब के सेवन का दोषी पाया गया है. कड़ा रुख अपनाते हुए टाटा समूह की एयरलाइन उस कैप्टन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने पर विचार कर रही है. जिसने पिछले हफ्ते फुकेत-दिल्ली उड़ान का संचालन किया था और वापस आने पर उसका ब्रेथ एनालाइजर (बीए) परीक्षण किया गया था.
एयरलाइन सूत्रों ने कहा ‘हम इन चीजों को कतई बर्दाश्त नहीं करते हैं और हमने बहुत कड़ी कार्रवाई की है. न केवल उनकी सेवा समाप्त कर दी है बल्कि एफआईआर दर्ज करने की भी योजना बना रहे हैं क्योंकि शराब के नशे में उड़ान संचालित करना एक आपराधिक कृत्य है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ( डीजीसीए) को सूचित कर दिया गया है.’
घरेलू उड़ानों का संचालन करने वाले पायलटों और केबिन क्रू को उड़ान-पूर्व बीए परीक्षण से गुजरना पड़ता है क्योंकि भारत के भीतर उड़ानों में कोई शराब उपलब्ध या परोसी बेची नहीं जाती है. ये परीक्षण एयरलाइंस के डॉक्टरों द्वारा किए जाते हैं. यदि टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव आता हैं, तो उन्हें 24 घंटे के भीतर DGCA को सबमिट करना होता है.
अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करने वाले फ्लाइट क्रू (जहां शराब उपलब्ध है) वहां उड़ान के बाद इसकी जांच की जाती है. 2023 के पहले छह महीनों में 33 पायलट और 97 केबिन-क्रू सदस्य अपने ब्रेथलाइजर जांच में फेल रहे थे. शराब के खिलाफ सख्त कार्रवाई के मद्देनजर घरेलू उड़ानों के लिए उड़ान भरने से पहले और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए उड़ान भरने के बाद जांच अनिवार्य है.
नियमों के मुताबिक पहली बार ब्रेथलाइजर परीक्षण में विफल होने का मतलब तीन महीने के लिए लाइसेंस निलंबन है. यदि वही पायलट या केबिन-क्रू सदस्य दूसरी बार ड्यूटी के दौरान नशे में पाया जाता है, तो उनका लाइसेंस 3 साल के लिए निलंबित कर दिया जाएगा. अगर पायलट या केबिन-क्रू सदस्य तीसरी बार अल्कोहल टेस्ट में फेल हो जाता है तो उनका लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द कर दिया जाएगा.