आम चुनाव में जाने से पहले सरकार लोकलुभावन घोषणाओं के जरिए मतदाताओं को लुभाने का एक और प्रयास करेगी. यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार का छठा और अंतिम बजट होगा.
कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल आज जब लोकसभा में वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए अंतरिम बजट पेश करेंगे. मोदी सरकार का यह अंतिम बजट है. कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल इस मौके का इस्तेमाल लोकसभा चुनाव से पहले मध्य वर्ग, किसान और नौजवानों को रिझाने और सरकार की उपलब्धियों को बताने के लिए कर सकते हैं.
यूनिवर्सल बेसिक इनकम की गारंटी
लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार बजट में टैक्स स्लैब में भी बदलाव ला सकती है और करदाताओं को टैक्स राहत और किसानों और गरीबों को न्यूनतम आय ( यूनिवर्सल बेसिक इनकम) के विकल्प सरकार घोषणा कर सकती है. अंतरिम बजट में सरकार इस पर निर्णय ले सकती है. हालांकि इस लोकलुभावन घोषणाओं का स्वरूप खजाने की स्थिति से तय होगा.
पहली बार जेटली अनुपस्थित
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के बनने के बाद पहला मौका होगा, जब अरुण जेटली केंद्रीय बजट पेश नहीं करेंगे. वह बीमार हैं और इलाज के लिए इस समय अमेरिका में हैं. इसलिए उनकी जगह वित्तमंत्रालय का प्रभार देख रहे गोयल बजट भाषण देंगे.
यह पहला मौका होगा जब कोई कार्यवाहक वित्त मंत्री बजट पेश करेंगे. पीयूष गोयल 23 जनवरी को ही अंतरिम वित्त मंत्री का पदभार संभाले है.
वित्त मत्री देंगे तोहफा
सूत्रों के मुताबिक, अंतरिम बजट 2019-2020 का आकार लगभग 27 लाख करोड़ रुपये का हो सकता है. इसमें व्यक्तिगत करदाताओं को आयकर में छूट, कृषि क्षेत्र को संकट से उबारने के लिए राहत पैकेज और छोटे व्यापारियों के लिए विशेष सुविधाओं की घोषणा की जा सकती है. वैसे तो यह अंतरिम बजट होगा, क्योंकि पूरे वित्त् वर्ष के लिए नियमित बजट अगली सकार पेश करेगी. लेकिन माना जा रहा है कि गोयल लीक से हटकर कुछ घोषणाएं कर सकते हैं.
वह ग्रामीण क्षेत्रों का संकट दूर करने के लिए किसानों के बैंक खाते में सीधे नकदी डालने की योजना का एलान कर सकते हैं. यह इस बात पर निर्भर करेगा कि इससे सरकार के खजाने पर कितना बोझ पड़ेगा. एक अनुमान के मुताबिक कृषि पैकेज से सरकार के खजाने पर 70 हजार से एक लाख करोड़ रुपये तक बोझ पड़ सकता है. इस संबंध में सरकार तेलंगाना के रायथू बंधु और ओडिशा के कलिया मॉडल पर विचार कर रही है. ब्याज मुक्त ऋण और जीरो प्रीमियम पर फसल बीमा की सुविधा देने पर भी विचार किया जा रहा है. इसी तरह व्यापारियों के लिए भी सस्ते ऋण की सुविधा देने की संभावनाओं पर सरकार कोई फैसला कर सकती है.
केंद्र की मोदी सरकार शुक्रवार को अंतरिम बजट 2019 पेश करेगी. यह मौजूदा सरकार का आखिरी बजट है. मोदी सरकार किसानों की किस्मत बदलने का दावा करती है. माना जा रहा है कि चुनावी साल के चलते इस अंतरिम बजट में किसानों के लिए बहुत कुछ खास किए जाने की घोषणा हो सकती है. किसान भी बजट में किसी बड़े ऐलान की उम्मीद लगाए बैठे है.
दरअसल, मोदी सरकार किसानों की आय दोगुना करने का सपना पहले ही दिखा चुकी है. वहीं, विपक्ष किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार को लगातार घेरता रहा है. इसीलिए मोदी सरकार को किसानों की चिंता भी सता रही है कि क्योंकि कर्ज माफी के मुद्दे पर राहुल गांधी तीन राज्यों में सियासी बाजी जीत चुके हैं.
2019 के अंतरिम बजट को लेकर एक बात जो मजबूती से कही जा रही है. वो है किसान केंद्रित बजट यानी इस बजट से किसी को कुछ मिले या ना मिले, लेकिन किसानों पर सरकार मेहरबान हो सकती है. 2019 के चुनाव में सरकार की पूरी कोशिश रहेगी कि वो किसानों को खुश कर सके, ऐसे में किसानों को लेकर बजट में कुछ अहम घोषणाएं हो सकती है.