पीएम मोदी ने बोला कांग्रेस पर हमला, कहा पूर्व की सरकार ने चाहा होता तो सालों पहले बन जाता पुलिस स्मारक

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर राष्ट्रीय पुलिस स्मारक (एनपीएम) के निर्माण में विफल रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार ने चाहा होता और दिल से प्रयत्न किया होता तो स्मारक कई साल पहले बन गया होता. प्रधानमंत्री मोदी ने 21 अक्टूबर को पुलिस स्मारक दिवस के अवसर पर स्वतंत्रता के बाद से पुलिस जवानों द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान के सम्मान में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक को राष्ट्र को समर्पित करने के दौरान यह टिप्पणी की.

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मोदी ने सवाल किया, “देश की आजादी के बाद स्मारक को हकीकत बनने में 70 साल क्यों लगे. हॉट स्प्रिंग डे घटना के 60 साल बाद इसमें इतना समय क्यों लगा जिसे पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है.” वर्ष 1959 में चीनी सैनिकों द्वारा लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स में मारे गए पुलिस जवानों की याद में प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है. मोदी ने कहा, “देश के पुलिस बल को एक पुलिस स्मारक समर्पित करने का एक विचार 25-26 पहले आया था. इस स्मारक को तत्कालीन सरकार की मंजूरी मिल भी गई थी.

अटलजी की सरकार ने इस विचार को हकीकत बनाने के लिए पहला कदम उठाया और उस समय के तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने संग्रहालय की नींव 2002 में रखी थी.” मोदी ने कहा, “मुझे पता है कि निर्माण कार्य कुछ कानूनी वजहों से प्रभावित हुआ लेकिन अगर पूर्ववर्ती सरकार ने चाहा होता या दिल से प्रयत्न किया होता तो स्मारक कई साल पहले पूरा हो गया होता.” संप्रग सरकार पर आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा, “पूर्व सरकार ने आडवाणी जी द्वारा स्थापित पत्थर पर धूल जमा होने दी.”

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मोदी ने कहा, “2014 में जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार सत्ता में आई तो हमने इसके लिए बजट पारित किया और संग्रहालय आज राष्ट्र को समर्पित हो रहा है.” यह स्मारक उन 34,844 पुलिस कर्मियों की याद में बनाया गया है जिन्होंने साल 1947 से अपना कर्तव्य निभाते हुए अपना जीवन देश के लिए बलिदान किया. इस स्मारक का निर्माण शांतिपथ के उत्तरी छोर पर चाणक्यपुरी में 6.12 एकड़ भूमि पर किया गया है. इस साल 424 पुलिस कर्मियों ने अपने जीवन की कुर्बानी दी है.

मोदी ने कहा कि आडवाणी जी स्मारक के उद्घाटन को देखकर गर्व महसूस कर रहे हैं. उनके अनुसार यह सिर्फ शांति व सेवा का प्रतीक नहीं है, बल्कि ‘राजग सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है. राजग सरकार देश के गौरव व राष्ट्र निर्माण से जुड़े लोगों के सम्मान के की सुरक्षा के लिए समर्पित है.’ इस अवसर पर लालकृष्ण आडवाणी भी मौजूद थे. संप्रग सरकार पर एनपीएम सहित कई परियोजनाओं के संदर्भ में टिप्पणी करते हुए मोदी ने कहा, “ईश्वर ने शायद उन्हें अच्छे कार्य करने लिए चुना है.”

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मोदी ने कहा, “यह हमारी सरकार द्वारा किसी कार्य को करने का तरीका है, जिसमें कार्यो को समय पर पूरा करने की कार्य संस्कृति विकसित हुई है.” मोदी ने बीते साल दिल्ली में अंबेडकर राष्ट्रीय केंद्र के उद्घाटन को याद करते हुए कहा कि इसके निर्माण पर चर्चा 1992 में शुरू हुई थी, लेकिन दो दशकों तक फाइल रोके रखी गई. उन्होंने कहा, “हमारी सरकार बनने के बाद हमने फाइल खोजी व इस केंद्र का उद्घाटन किया.”

उन्होंने कहा, “इसी तरह से बाबा साहेब अंबेडकर के 26 अलीपुर रोड पर राष्ट्रीय स्मारक को अटल जी की सरकार के सत्ता में आने पर शुरू किया गया. उनकी सरकार के बाद परियोजना को रोक दिया गया। जब 2014 में हमारी सरकार आई तो उसने परियोजना की आधारशिला रखी और मुझे इस साल अप्रैल में इसके उद्घाटन का अवसर मिला. अब ये स्मारक दुनिया को प्रेरित कर रहे हैं.” मोदी ने कहा, “एक गंभीर सवाल कई मौकों पर मेरे सामने उठता है कि देश के लिए खुद का बलिदान करने वालों के लिए पूर्व की सरकार क्यों उपेक्षा का भाव रखती थीं यह कभी हमारी परंपरा का हिस्सा नहीं रहा रहा है.”

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मोदी ने कहा, “मुझे खुशी है कि हमें बीते चार सालों में इस परंपरा को फिर से स्थापित करने में सफलता मिली है.” प्रधानमंत्री आपदा जैसी स्थिति में तुरंत मदद करने वाले पुलिस कर्मियों के लिए एक सम्मान शुरू करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन 23 जनवरी को हर साल यह सम्मान प्रदान किया जाएगा.

मोदी ने पुलिस की ऑनलाइन प्राथमिकी की सुविधा व सोशल मीडिया के जरिए यातायात संबंधी जिम्मेदारी संभालने के के लिए सराहना की, लेकिन उन्होंने प्रौद्योगिकी को उस स्तर पर ले जाने की जरूरत बताई जहां किसी को भी छोटी शिकायतों के लिए पुलिस थाने नहीं आना पड़े. उन्होंने पुलिस को अपराध में कमी लाने के लिए लोगों से मित्रवत व्यवहार बनाने पर जोर दिया.

SourceIANS

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