पीएम मोदी ने गढ़ी राष्‍ट्रवाद की नई परिभाषा, बोले- महागठबंधन अंतरविरोधों से ग्रस्त

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पहले कार्यकाल के अंतिम दिनों में लगातार मीडिया से रूबरू हो रहे हैं। इसके जरिए वह अपनी और सरकार की उपलब्धियों को गिना रहे हैं। हाल में एक अखबार के साथ हुए इंटरव्यू में उन्होंने नौ महत्वपूर्ण बिन्दुओं के जरिए देश के सामने भाजपा के विचार रखें। ये रही रिपोर्ट:-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच

पाकिस्तान में घुसकर सैन्य कार्रवाई करने के बारे में मैंने फैसला नहीं लिया होता, तो यह अन्याय होता। आतंकवाद को खत्म किये बिना देश का भला नहीं होगा। पिछले 40 वर्षों में हम आतंकवाद के हाथों काफी कुछ भुगत चुके हैं। आतकवाद का जो मूल है उस पर वार करना होगा। ऊपर से टहनियों को काटने से काम नहीं चलेगा। आतंकवाद पर हमारी रणनीति साफ है। यह नई सरकार है, नया देश है।

उत्तर प्रदेश में हमारा कोई प्रतिद्वंदी नहीं है। कांग्रेस और महागठबंधन दोनों अंतरविरोधों से ग्रस्त हैं और लड़ाई हार चुके हैं। अगर वे लोग मुकाबले में होते, तो मुस्लिम वोटों के लिए अलग से अपील नहीं करते।

जो लोग सेक्यु‍लरिज्म के नाम पर घोर सम्प्रदायवाद करते हैं। उनकी पराजय इतनी परेशान कर रही होत है कि अपनी जमीन तलाशने के लिए उन्हें ऐसी हरकतें करनी पड़ती हैं। मायावती अपनी डूबती नैया बचाने के लिए किसी संप्रदाय विशेष से वोट मांगने के लिए अपील करें, तो यह उनकी मजबूरी है। उन्हें हार सामने दिख रही है।

राष्ट्रवाद की परिभाषा को लोग पाकिस्तान से जोड़ कर देखते हैं, यह देश में एक बड़ी भ्रांति है। राष्ट्रवाद को सीमित न किया जाए, इसके बड़े व्यापक अर्थ हैं। जब मैं भारत माता की जय बोलता हूं, तो वह राष्‍ट्रवाद है, लेकिन जब मैं गरीब देशवासियों को रहने के लिए घर दूं, जब भारत माता को स्वच्छ रखने के लिए बड़ा अभियान चलाऊं। जब गरीबों के इलाज के लिए आयुष्‍मान भारत जैसी स्कीम लागू करूं, तो यह सब भाजपा और मेरे लिए राष्‍ट्रवाद है।

कांग्रेस ने 60 साल के शासनकाल में कुछ नहीं किया है, बल्कि अन्याय ही अन्याय किया। वह अपने इस अन्याय के पाप धोने की अब कोशिश कर रहे हैं, तो सबसे पहले देश का सिख न्याय मांगेगा। राजस्थान, मध्‍य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का नौजवान न्याय मांगेगा। कर्नाटक, पंजाब के साथ तीन राज्यों का किसान कर्ज माफी का न्याय मांगेगा। देश का हर व्यक्ति न्याय मांगेगा। 60 साल के अन्याय का न्याय देंगे।

साल 2014 में मतदाताओं के लिए मोदी नया था। उस समय मतदाता निराशा के गर्त में डूबे थे। घोटाले दर घोटाले की खबरों से पूरा देश तंग था। वो इससे मुक्ति चाहते थे। फिर मैं आया। लोगों ने हम पर भरोसा जताया। 5 साल का हमारा ट्रैक रिकॉर्ड साबित करता है कि निर्णय करने में हम कभी पीछे नहीं रहे। गरीबों के नाम पर हमने राजनीति नहीं की। सबसे ज्यादा गरीबों को ताकतवर बनाने के लिए काम हमने किया है।

भारत का कोई भी नागरिक देश की सुरक्षा के साथ इस प्रकार के खिलवाड़ को सहन नहीं कर सकता। कांग्रेस पार्टी ने पाकिस्तान की भाषा को अपने मेनीफेस्टो में मान्यता दे दी है। उन्होंने तो अफ्स्पा हटाने की बात कही है। हमारी सेना को हतोत्साहित करके आतंकवादियों को खुला मैदान देना चाहते हैं। इससे बड़ा कोई अपराध नहीं होगा, जो कांग्रेस करने की कोशिश कर रही है।

कभी कभी चुनाव घोषणा पत्र में पता चल जाता है कि जीतने वाली पार्टी कौन सी है और हारने वाली कौन सी है। 60 साल तक सरकार में रही पार्टी जब लुभावने वायदों के रास्ते पर चल पड़ी, तो मतलब है कि पराजय से बचने के लिए वह छटपटा रही है।

मोदी हटाओ गठबंधन की मजबूरी है क्योंकि उनके पास देश को देने के लिए न विजन है, न नीति है और न नेता है। सब टुकड़ों में बिखरे हैं। मोदी पर आरोप लगाने के लिए उनके पास कोई विशेष मुद्दा नहीं है। उनके भीतर ही इतने विवाद हैं कि वे एक नहीं हो सकते। हां, केवल मोदी के मुद्दे पर सभी एकजुट हो जाएंगे। मेरे नाम पर उन्हें एक प्लेटफॉर्म मिल जाता है। उनके भेद दिखाई न दें, इसलिए मोदी को निशाना बनाते हैं।

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