श्रीरामपुर (पश्चिम बंगाल)। श्रीरामपुर में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि दीदी आपने विश्वासघात किया है और इस विश्वासघात की कीमत यहां का नौजवान लेकर रहेगा। दीदी आपकी जमीन खिसक चुकी है और देख लेना 23 मई को जब नतीजे आएंगे, तो आपके विधायक भी आपको छोड़कर भाग जाएंगे। आज भी आपके 40 विधायक मेरे संपर्क में हैं।
श्रीरामपुर में पीएम नरेंद्र मोदी का भाषण
उन्होंने कहा कि ममता दीदी लोकतंत्र ने ही आपको ये पद दिया है। आपने पश्चिम बंगाल के लोगों को धोखा दिया है, लेकिन लोकतंत्र को धोखा मत दीजिये।
उन्होंने कहा कि आज सुबह से पश्चिम बंगाल से जिस तरह की खबरें आ रही हैं, वो बता रही हैं कि दीदी का गुस्सा इस समय सातवें आसमान पर है।
भाजपा-एनडीए का कहना है कि भ्रष्टाचार हटाएंगे। महामिलावटी कह रहे हैं कि मोदी को हटाओ। भाजपा कह रही है कि आतंकवाद और नक्सलवाद से देश को मुक्ति दिलानी है, लेकिन ये कह रहे हैं कि मोदी को हटाना है।
भाजपा कह रही है कि 2022 तक किसान की आय दोगुनी करेंगे, महामिलावटी कह रहे हैं कि मोदी को हटाओ।
भाजपा कह रही है कि 2022 तक हर गरीब के पास अपना पक्का घर होगा, लेकिन महामिलावटी कहते हैं- मोदी को हटाओ।
भाजपा कह रही है कि किसान, दुकानदार, मजदूर, सबको 60 वर्ष बाद नियमित पेंशन देंगे, लेकिन ये कह रहे हैं कि मोदी को हटाओ।
भाजपा, यहां के हर गरीब को आयुष्मान भारत के तहत 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देना चाहती है, लेकिन इस पर भी कहा जा रहा है कि मोदी को हटाओ।
भाजपा कह रही है कि मुसलिम बहनों को तीन तलाक से बचाना है, उसके खिलाफ कानून बनाना है, तो भी ये लोग कह रहे हैं कि मोदी हटाओ।
एक सुरक्षित देश में ही विकास की बात की जा सकती है। आज हम सुरक्षा की बात करते हैं, शहीदों के सम्मान की बात करते हैं, राष्ट्रवाद की बात करते हैं तो दीदी और सारे महामिलावटी भड़क जाते हैं।
इस बार यहां पश्चिम बंगाल में तो दीदी सारी सीमाएं पार करने में लगी हैं। MC के गुंडे लोगों को वोट डालने से रोकने की जी-जान से कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा के कार्यकर्ताओं पर हमला कर रहे हैं। भाजपा के नेताओं को प्रचार नहीं करने दे रहे। लेकिन यहां की जनता मतदान केंद्र पर पहुंच रही है। जनता की आंखों में एक ही सपना दिख रहा है। जनता के जिगर में एक ही संकल्प है। और वो हैं – चुपे-चाप कमल छाप, चुपे-चाप कमल छाप।
उन्होंने कहा कि बूथ-बूथ से TMC साफ करिए। यहां दमन की स्थिति तो ये है कि विरोधी विचारधारा वालों को फांसी पर लटका दिया जाता है। दीदी तो चाहती हैं कि पुलिस प्रशासन उनके लिए एक प्राइवेट सिक्योरिटी और प्राइवेट पॉलिटिकल एजेंसी बनकर काम करे।