नई दिल्लीः पीएनबी में 13,500 करोड़ के घोटाले में आरोपी भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में बड़ा खुलासा सामन आया है. जांच में सामने आया है कि चोकसी ने 3,250 करोड़ रुपये विदेशी कारोबार में ठिकाने लगा दिए हैं. इससे साथ ही बेची गई जूलरी की कीमत भी अधिक बताई जा रही है.
हालांकि चोकसी ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है. जांच कर रही एजेंसी ने बाताया कि चोकसी डमी कंपनियों के जरिए फंड को घुमाकर इसका व्यक्तिगत इस्तेमाल करता था. वहीं अपनी चार्जशीट में ईडी ने कहा है कि, चौकसी द्वारा तकरीबन 400 करोड़ रुपये नीरव मोदी के लिए डाइवर्ट किए गए हैं. इसके साथ ही करीब 360 करोड़ रुपये नीरव के पिता दीपक मोदी को पहुंचाए हैं.
एजेंसी के मुताबिक चौकसी डमी कंपनियों के जरिए पैसों की हेराफेरी करता था. ऐसी कंपनियां विदेशों में भी मौजूद हैं. इस प्रकार की हेराफेरी की शुरुआत सेल ट्रांजैक्शन से होती थी जो आखिरी में गीतांजलि ग्रुप की किसी कंपनी में पहुंचाया जाता था.
ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा है, ‘डमी कंपनियों का इस्तेमाल लेयरिंग के लिए किया जाता था. बिल केवल खरीदारी का बनता था और सामान का मूवमेंट नहीं होता था.’ हालांकि एक इंटरव्यू में मेहुल ने कहा, ‘मुझ पर ED द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठे और निराधार हैं. उन्होंने गलत तरीके से मेरी संपत्तियों को जब्त किया है.’
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ईडी का कहना है कि, पीएनबी घोटाले की रकम को थाइलैंड, यूएस, बेल्जियम, यूएई, इटली, जापान और हॉन्ग-कॉन्ग जैसे देशों के ग्रुप एंटिटी फर्मों में जमा किया गया है. वहीं आरोप है कि चौकसी के द्वारा बेचे गए हीरों को भी ज्यादा कीमती बताया है. ED ने कहा कि चोकसी अपने मन से वस्तुओं की कीमत निर्धारित करता था.
इसके साथ ही एजेंसी को जांच में मालुम चला कि, हैदराबाद से जब्त की कई वस्तुओं की कीमत बताई गई कीमत से 3 फीसदी कम है. इसके अलावा पीएमएलए के तहत चौकसी के यूएई में खरीदे गए बंगले को भी शामिल किया गया है.
बता दें, चोकसी के द्वारा यूएई की एक जूलरी कंपनी को शेयर ट्रांसफर किए गए थे. चार्जशीट में कहा गया है कि, चौकसी अवैध रूप से एयर टु एयर निर्यात भी करता था. यह काम दुबई के रास्ते हॉन्ग-कॉन्ग तक होता था और इसकी अनुमति कस्टम डिपार्टमेंट से नहीं ली जाती थी. एजेंसी का कहना है कि भारत से निर्यात की जाने वाली जूलरी में से हीरे और मोती निकाल लिए जाते थे.