Pradosh Vrat: पुराणों में त्रयोदशी अथवा प्रदोष तिथि को भगवान बोलेनाथ का दिन बताया गया है। इस तिथि को भगवान शंकर की पूजा की जाती है। एसी मान्यता है कि प्रदोष का उपवास करने से व्यक्ति अपने सभी कष्टों से छुटकारा पा सकता है। हर हिंदू महीने में दो त्रयोदशी अथवा प्रदोष तिथि आती हैं, पहली कृष्ण पक्ष में और दूसरी दूसरे पखवाड़े यानी शुक्ल पक्ष में।
पंडित विजय शुक्ला जी के मुताबिक मार्च महीने में प्रदोष तिथि 19 मार्च 2023, दिन रविवार को पड़ रही है। रविवार को पड़ने की वजह से इसे रवि प्रदोष भी कहा जाएगा। जानिए प्रदोष के शुभ मुहूर्त तथा पूजा विधि.
ज्योतिषीय गणना के मुताबिक चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी यानी 19 मार्च 2023 को सुबह 8.07 बजे आरंभ होगी। इसका समापन अगले दिन 20 मार्च, 2023 को प्रातः 4.55 बजे होगा। इस दिन द्विपुष्कर योग भी बन रहा है। इसी दिन पंचक भी लग रहे हैं। ऐसे में पूजा के लिए पूरा दिन ही अच्छा माना गया है।