राहुल के लिए प्रियंका को अमेठी में बेलने पड़ रहे हैं पापड़

प्रियंका गांधी

अमेठी: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सीट अमेठी में स्थिति सुधारने के लिए उनकी बहन और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को बड़े पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि स्थानीय स्तर पर राहुल-प्रियंका की मर्जी से ही छोटा से छोटा पदाधिकारी तय किए जाने के बावजूद प्रियंका ने अमेठी के संगठन को कई स्तर पर खोखला पाया। पार्टी के भीतर से ही शिकायतों की भरमार थी, जिसकी वजह से अभी एक हफ्ते पहले अमेठी को लेकर कांग्रेस हाईकमान बहुत अधिक चिंतित थे।

बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने कई स्तर पर जिम्मेदारियों में बदलाव किया और नाराज व्यक्तियों को आास्त किया कि चुनाव बाद चीजों को ठीक करने की गारंटी वह स्वयं लेती हैं। इसी की वजह से यह संदेश चला गया है कि भविष्य में अमेठी को प्रियंका अपनी कर्मभूमि बना सकती हैं। ऐसा हो अथवा नहीं लेकिन प्रियंका अभी भाई की जीत सुनिश्चित करने के लिए किसी भी अटकलों का जवाब नहीं दे रही हैं।अमेठी में बाहर के नेता तभी जा सकते हैं जब राहुल-प्रियंका अनुमति प्रदान करें। इस बार प्रियंका गांधी वाड्रा ने ब्राह्मण वोटरों का समर्थन हासिल करने के लिए वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी की लगातार सेवाएं ली हैं।

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छत्तीसगढ़ समेत कई अन्य राज्यों के नेताओं को भी यहां मतदाताओं से लगातार संवाद करने के लिए लगाया है। उन्होंने इसकी भी समीक्षा की है कि अमेठी में जो न्याय रथ (गरीब को 72 हजार रुपए सालाना व युवाओं के लिए 24 लाख नौकरियों का वादा) घूम रहे हैं, उनका रायबरेली जैसा रिस्पांस क्यों नहीं रहा।बताया जा रहा है कि बाहर से बुलाए गए नेताओं से मिले फीडबैक के आधार पर ही प्रियंका गांधी वाड्रा अमेठी के छोटे गांवों में जा रही हैं। प्रचार में उनकी कोशिश रहती है कि पार्टी के छोटे से छोटे कार्यकर्ता के भी गिले-शिकवे को दूर किया जाए। उन्हें यह सूचना कई जगह से मिली कि उनके भाई राहुल गांधी को लेकर पहली बार अमेठी में लोग सवाल कर रहे हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा ने पाया कि यह सवाल भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी की टीम ने जनसामान्य के बीच उछाले हैं और इसका जवाब नहीं दिए जाने से भाजपा को प्रतिकूल माहौल बनाने में मदद मिली है।

इसकी काट के लिए प्रियंका ने चुनाव से जुड़े सभी प्रमुख नेताओं को कहा है कि राहुल के विषय में उठने वाले अमेठी के विकास या मोदी से उनकी(राहुल) तुलना वाले सभी सवालों के जवाब प्रभावी ढंग से दिए जाएं। प्रियंका ने पार्टी नेताओं को कहा कि वह स्वयं सब जगह इसका जवाब देंगी और उन्हें भी बताना चाहिए कि अमेठी से उनके पिता-माता और भाई का पारिवारिक रिश्ता है और उन्होंने यहां के लिए क्या-क्या किया है। इसी रणनीति के तहत प्रियंका ने स्मृति ईरानी पर कटाक्ष किया कि वह सिर्फ 16 बार अमेठी आई हैं और मैं (प्रियंका) 12 साल की उम्र से आ रही हूं।

प्रियंका ने अपनी टीम को स्पष्ट कहा है कि खाली जगह (स्पेस) देने की वजह से ही स्मृति ईरानी यहां मुकाबले में नजर आ रही हैं, आगे ऐसी चूक बिलकुल नहीं करनी है। अमेठी और रायबरेली में प्रचार का काम देख रहे एक युवा नेता ने स्वीकार किया कि एक हफ्ते पहले अमेठी में हालत अच्छी नहीं थी। उन्होंने कहा कि यह सच है कि रायबरेली और अमेठी की जमीनी हकीकत में काफी अंतर है, जिसे लगातार सुधारा जा रहा है।

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