प्रियंका गांधी ने पुरानी पेंशन का किया वादा, कितना आसान होगा इसे निभाना?

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधिमंडल से एक मुलाकात की. इस दौरान उन्‍होंने अगले लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के घोषणापत्र में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली के मुद्दे को शामिल करने का आश्वासन दिया है. दरअसल, अपनी मांग को लेकर आगामी 3 मार्च को दिल्‍ली की ओर कूच कर रहे हैं. इनकी मांग है कि नई पेंशन योजना को खत्‍म कर पुरानी योजना लागू की जाए.

बता दें, अर्धसैनिक बल लंबे समय से इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं लेकिन बीते कुछ महीनों में उनकी मांग में तेजी आई है. अर्धसैनिक बलों समेत अन्‍य सरकारी कर्मचारियों को उनकी इस मांग के लिए विपक्ष भी साथ है. वहीं प्रियंका ने उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के घोषणापत्र में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली के मुद्दे को शामिल करने का आश्वासन भी दिया. इतना ही नहीं प्रियंका ने तुरंत इस बारे में एक पत्र कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के पास भी भिजवा दिया है.

पुरानी पेंशन की बहाली अब आसान नहीं है. जानकारों की मानें तो सरकार पर उसके कारण भारी बोझ पड़ना तय है. बीते कुछ सालों में सरकार ने एनपीएस में सुधार कर रही है और कई ऐसी बातें जोड़ी हैं जो पुरानी स्कीम में नहीं थीं. बीते साल केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला नें लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि पेंशन देनदारियां बढ़ रही हैं और वे अनसस्टेनेबल हो गई हैं.

साल 2017-18 के दौरान पेंशन देने पर कुल 1,56,641.29 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. इस दौरान उन्‍होंने ये भी बताया कि केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना में अपनी हिस्सेदारी 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दी है. इस वजह से 2019-20 में केंद्रीय कोष पर 2,840 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. इसका मतलब ये हुआ कि आने वाली सरकारों के लिए भी पुरानी पेंशन योजना लागू करना आसान नहीं होगा.

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