आरक्षण को लेकर मोदी सरकार पर बरसे राहुल गांधी

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर की गई टिप्पणी के बाद इस मामले पर राजनीतिक घमासान शुरू हो चुका है। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। साथ ही कहा जा रहा है कि सर्वोच्च अदालत में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस मसले पर मोदी सरकार पर जमकर बरसे और कहा कि बीजेपी-RSS के डीएनए को आरक्षण चुभता है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि RSS-BJP की विचारधारा आरक्षण के खिलाफ है, वह किसी न किसी तरीके से रिजर्वेशन को हिंदुस्तान के संविधान से निकालना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने रविदास मंदिर तोड़ा क्योंकि जो एससी-एसटी कम्युनिटी है ये लोग उसे आगे नहीं बढ़ने देना चाहते हैं.

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर की गई टिप्पणी के बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. कांग्रेस की ओर से इस मसले पर मोदी सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है और सर्वोच्च अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर करने के लिए कहा जा रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस मसले पर मोदी सरकार पर जमकर बरसे और कहा कि बीजेपी-RSS के डीएनए को आरक्षण चुभता है.

कांग्रेस नेता रहुल गांधी ने कहा कि RSS-BJP की विचारधारा आरक्षण के खिलाफ है, वह किसी न किसी तरीके से रिजर्वेशन को हिंदुस्तान के संविधान से निकालना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने रविदास मंदिर तोड़ा क्योंकि जो एससी-एसटी कम्युनिटी है ये लोग उसे आगे नहीं बढ़ने देना चाहते हैं.

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी की रणनीति आरक्षण को रद्द करने की है, लेकिन बीजेपी वाले कितना भी सपना देख लें ऐसा कभी नहीं होगा. आरक्षण संविधान का हिस्सा है, बीजेपी की ओर से इसे ही खत्म करने की कोशिश की जा रही है.

कांग्रेस नेता बोले कि मैं हिंदुस्तान की जनता को कह रहा हूं कि हम रिजर्वेशन को कभी नहीं मिटने देंगे, चाहे मोदी जी सपना देखे या मोहन भागवत सपना देखें…हम ऐसा नहीं होने देंगे.

बीते दिनों एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण का दावा करना मौलिक अधिकार नहीं है. ऐसे में कोई अदालत राज्य सरकारों को SC और ST वर्ग के लोगोंको आरक्षण देने का निर्देश नहीं जारी कर सकती है। आरक्षण देने का अधिकार और दायित्व राज्य सरकारों के विवेक पर निर्भर है। कांग्रेस की ओर से संसद में भी इस मसले पर स्थगन प्रस्ताव दिया गया है. ऐसे में ना सिर्फ बाहर बल्कि संसद के अंदर भी सरकार को विपक्ष का गुस्सा झेलना होगा।

NDA ने भी आवाज़ की बुलंद

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष ही नहीं बल्कि एनडीए के सहयोगी दलों ने भी केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है. एनडीए की सहयोगी एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण के अधिकार से वंचित करता है. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध करेंगे.

 

 

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