सुप्रीम कोर्ट का नाम लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘चौकीदार चोर है’ कहने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आखिरकार माफी मांग ली है। मंगलवार की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष के खेद जताने के तरीके पर नाराजगी जताई और फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा कि खेद जताने के लिए 22 पेज का हलफनामा दिया जाता है? राहुल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपने मुवक्किल की तरफ से माफी मांगी।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की माफी
मामले की सुनवाई कर रहे सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कहा कि ब्रैकेट में खेद जताने का क्या मतलब है? बता दें कि राहुल ने अपने दूसरे हलफनामे में खेद शब्द को ब्रैकेट में लिखा था। कोर्ट ने कहा कि आपने जो कहा, हमने वह कहां कहा था?
राहुल के वकील सिंघवी ने कहा, ‘राहुल गांधी अपनी गलती मानते हैं और माफी मांगते हैं।’ यह पहली बार है, जब राहुल गांधी की ओर से माफी शब्द का प्रयोग किया है। सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हवाले से चौकीदार चोर है बयान देना गलत था। बता दें कि राहुल के इस बयान पर बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने अवमानना की याचिका दाखिल की थी।
राहुल गांधी ने अलग से हलफनामा दाखिल करने के लिए कोर्ट से अंतिम मौका मांगा। सिंघवी ने कहा जो हलफनामे में कहा गया है वह माफी ही है। कोर्ट ने सोमवार से पहले हलफनामा फाइल करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि यह हम तय करेंगे कि हलफनामे को स्वीकार करना है या नहीं।
सुनवाई के दौरान बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी के वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, ‘राहुल गांधी ने जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के हवाले से इन शब्दों का इस्तेमाल किया। अभी केवल खेद व्यक्त किया है, जबकि अवमानना मामलों में कानून बिना शर्त माफी के साथ शुरू होता है।’