नई दिल्ली: चुनावी घमासान के बीच राफेल पर बुधवार के उच्चतम न्यायालय के निर्णय से कांग्रेस को भाजपा के खिलाफ एक आक्रामक हथियार मिल गया है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी का मोदी के खिलाफ राफेल का जो मुद्दा चुनाव आते आते फीका पड़ता दिखाई पड़ रहा था आज उसे फिर से संजीवनी मिल गई है। कांग्रेस इसे भ्रष्टचार के मुद्दे पर अपने लिए जहां एक बड़ा हथियार मान रही है वहीं उसे लग रहा है कि भाजपा और मोदी को अब इस पर जवाब देना मुश्किल हो जाएगा।
बालाकोट एअर स्ट्राइक के बाद राहुल गांधी के राफेल मुद्दे की धार कम होने लगी थी और वक्त की नजाकत समझते हुए कांग्रेस नेता भी इस पर जोर देने की वजाय गरीबी, रोजगार, किसान व महिलाओं की स्थिति जैसे मूलभूत मुद्दों पर पर जोर दे रहे थे लेकिन आज न्यायालय के निर्णय के बाद से पार्टी ने फिर से मोदी को घेरने के लिए इस मुद्दे को जोर शोर से उछालने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस आज के निर्णय को चुनाव में किस तरह भुनाएगी इसका संदेश तभी चला गया जब निर्णय आते ही राहुल गांधी समेत पूरी कांग्रेस मोदी पर आक्रमक हो उठी।
कांग्रेस मान रही है कि आज के निर्णय के बाद राहुल गांधी द्वारा राफेल सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों को नई ताकत मिली है। पार्टी का मानना है कि कल तक सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिलने की बात कहकर पूरी भाजपा जिस तरह स राफेल सौदे पर उठाए जा रहे सवालों को खारिज कर रही थी अब उसके लिए इस पर जवाब देना आसान नहीं होगा। कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि राहुल गांधी के चौकीदार चोर के आरोप से बचना अब मोदी और उनके साथियों के लिए आसान नहीं होगा।
गौरतलब है कि 14 दिसम्बर को उच्चतम न्यायालय के फैसले से राहुल गांधी के आरोपों को बड़ा झटका लगा था और तब उनके आरोपों की गंभीरता को लेकर सवाल उठना शुरू हो गए थे। कांग्रेस ने आज के फैसले को सत्य की जीत करार देते हुए इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने का संकेत दे दिया है।