देश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार की बहू और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी का आज 72 वां जन्मदिन है। पार्टी नेताओं के साथ उनके समर्थक उनको बधाई दे रहे हैं, लेकिन कुछ ही लोग जानते हैं, कि अगर राजीव गांधी सोनिया को दिल न देते, तो मां इंदिरा गांधी की पसंद एक ऐसी लड़की थी। जिसकी उनके परिवार से बेहद करीबी रिश्ता था। जिसकी लड़की को इंदिरा गांधी मन ही मन बहू मान चुकी थीं। लेकिन राजीव की पसंद के आगे उनकी एक न चली।
जी हां, इटली के एक छोटे से गांव से निकलकर भारत के सबसे बड़े राजनीतिक घराने की बहू बनने तक सोनिया गांधी का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं हैं। सोनिया गांधी बनने से पहले उनका असली नाम एन्टोनिया मैनो था। जिसका जन्म 9 दिसंबर 1946 को इटली के ट्यूरिन शहर के बाहरी इलाके में स्थित लूसियाना गांव में हुआ।
राजीव और सोनिया की पहली मुलाकात
सोनिया और राजीव गांधी की पहली मुलाकात साल 1965 में हुई थी। जब राजीव गांधी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के रेस्टोरेंट में राजीव खाना-खाने गए थे। जहां सोनिया गांधी पढ़ाई के दौरान पार्ट टाइम काम करती थी। यहीं पर दोनों की मुलाकात हुई थी। पहली ही मुलाकात में राजीव और सोनिया की दोस्ती यहीं पर हुई। जिसके बाद दोनों एक दूसरे के करीब आ गए।
इंदिरा ने किया था सोनिया का विरोध
सोनिया से प्यार करने का किस्सा राजीव ने मां इंदिरा को बताया तो उन्होंने कड़ा विरोध किया। क्योंकि राजीव भारत के प्रधानमंत्री के बेटे थे। जबकि सोनिया एक साधारण से परिवार से आती थीं। इंदिरा ने राजीव को खूब समझाया लेकिन वो नहीं माने। अंत में इंदिरा को राजीव के सामने झुकना पड़ा।
राजकपूर की बेटी से कराना चाहती थीं शादी
सोनिया का विरोध इंदिरा गांधी ने इसलिए किया था, क्योंकि वो बेटे राजीव गांधी की शादी बॉलीवुड के शोमैन कहे जाने वाले राजकपूर की बेटी से कराना चाहती थीं। इंदिरा राजकपूर की बेटी ऋतु को अपनी बहू के रूप में देखना चाहती थी। अपने जमाने के वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई ने अपनी किताब ‘नेता अभिनेता: बॉलीवुड स्टार पॉवर इन इंडियन पॉलिटिक्स’ में इस बात का जिक्र है। किताब के मुताबिक इंदिरा गांधी की दिली इच्छा थी कि दोनों परिवारों के बीच का रिश्ता दोस्ती से आगे बढ़े।
कपूर खानदान और गांधी परिवार में थी गहरी दोस्ती
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और एक्टर पृथ्वी राजकपूर के बीच गहरी दोस्ती थी। दोनों में गहरे पारिवारिक रिश्ते थे। जिसके कारण इंदिरा गांधी भी कपूर खानदान से करीब से जुड़ी थी। इंदिरा के मन में कपूर खानदान के लिए काफी सम्मान था। इस कारण इंदिरा, राजीव गांधी की शादी राजकपूर की बड़ी बेटी ऋतु से कराने की इच्छा रखती थीं।
1968 में पहली बार आईं थी भारत सोनिया गांधी
इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं, ऐसे में सोनिया गांधी को उनके लिए बहू बनाना कोई आसान नहीं था। क्योंकि उस समय राजनीतिक नुकसान और विरोधियों को बैठे बिठाए मौका देने से कम नहीं था। राजीव पहली बार सोनिया गांधी को लेकर 1968 में भारत आए। मां नाराज थी ऐसे में उनको सीधे घर लाने के लिए मना किया था। जिसके बाद राजीव गांधी ने अमिताभ बच्चन के घर में सोनिया गांधी को जगह दी। जहां वो कई दिनों तक रुकीं। यहीं जाकर इंदिरा गांधी ने उनसे मुलाकात की।
अमिताभ के घर हुई थी राजीव और सोनिया की शादी
सोनिया गांधी दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर 13 जनवरी 1968 को आईं। उनको रिसीव करने राजीव गांधी के साथ उनके बचपन के मित्र अमिताभ बच्चन भी थे। जहां से वो सीधे अमिताभ बच्चन के घर गईं थी। जहां पर राजीव गांधी और सोनिया गांधी की शादी 25 फरवरी 1968 को अमिताभ के घर पर संपन्न हुई थी. भारतीय परंपरा के मुताबिक बिना शादी के सोनिया गांधी ससुराल नहीं जा सकती थी। ऐसे में सोनिया 45 दिनों तक अमिताभ बच्चन के घर पर रहीं. जहां राजीव गांधी बारात लेकर पहुंचे. अमिताभ के पिता हरिवंश राय बच्चन ने सोनिया गांधी का कन्यादान किया.