चुनाव में किसी रणनीति के तहत तो नहीं पीएम मोदी ले रहे राजीव गांधी का नाम?

नई दिल्ली: राजीव गांधी का नाम लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिखों के खिलाफ दंगे और भोपाल गैस त्रासदी की याद एक बार ताजा कर दी है। इसके तहत उन्होंने पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और मध्य प्रदेश की 48 सीटों पर निशाना साधा है। अभी लोक सभा चुनाव के लिए दो चरणों का मतदान बाकी है, लेकिन पांचवें चरण के मतदान के ठीक पहले ही मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम चुनाव में घसीट लिया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अचानक राजीव गांधी का नाम ऐसे ही नहीं लिया। नौकरशाही में खुसफुसाहट है कि राजग बहुमत से कुछ नंबर कम रह सकता है। यह आशंका भाजपा महासचिव राम माधव एवं कुछ और नेता भी जता रहे हैं। शिवसेना की तरफ से भी इस तरह का बयान आया है। प्रधानमंत्री मोदी दोबारा सत्ता में आने के लिए जमकर पसीना बहा रहे हैं। मोदी अब एक दिन में चार रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। क्षेत्र और मतदाताओं के मूड को भांपकर मोदी लोगों का ध्यान खींचने के लिए अलग-अलग मुद्दे उठा रहे हैं।

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इसी कड़ी में मोदी ने पांचवें, छठे और सातवें चरण के लिए राजीव गांधी का नाम उछाल दिया। नेहरू पर हमला कर मोदी ने पहले ही कांग्रेस को परेशान कर रखा था। अब राजीव गांधी का नाम आते ही कांग्रेस तिलमिला गई है। राजीव गांधी का नाम आने से 1984 के सिख दंगों में प्रभावित हुए परिवार के जख्म हरे हो गए। पंजाब में कांग्रेस की सरकार है। राजीव गांधी का नाम लेकर भाजपा-अकाली की संख्या बढ़ सकती है। दिल्ली की सातों सीटों पर सिखों का असर है।

1984 में ही भोपाल में सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटना हुई थी। उस वक्त यूनियन कार्बाइड के चेयरमैन वारेन एंडरसन को सरकारी संरक्षण में देश से भगाया गया था। भोपाल गैस पीड़ित आज भी मुआवजा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इन 48 सीटों में से 30 सीटें भाजपा के पास हैं। इन सीटों को बचाये रखना और बाकी सीटों को जीतने के लिए नई राजनीतिक चाल चली है।

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