रक्षामंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस से पहला राफेल विमान को रिसीव करने के बाद गुरुवार रात उनकी भारत वापसी हो गई है। रक्षामंत्री वापस लौटते ही राफेल विमान की पूजा करने को लेकर उठे विवाद पर जवाब दिया है। उन्होने कहा कि ‘मैंने वही किया, जो मुझे सही लगा और आगे भी वही करुंगा जो मुझे सही लगेगा। यह हमारी आस्था है कि कोई महाशक्ति है और मैं इस पर बचपन से भरोसा करता रहा हूं।’
‘अपने धर्म के मुताबिक पूजा की है आजादी‘–
‘ कांग्रेस के कुछ नेताओं की ओर से ऐतराज जताए को लेकर उन्होंने कहा कि, मैं मानता हूं कि कांग्रेस पार्टी में भी इस पर राय बंटी हुई होगी। जरूरी नहीं है कि हर किसी की यही राय हो। ‘सभी धर्मों के लोगों को अपनी आस्था के अनुसार प्रार्थना करने का अधिकार है। यदि किसी और ने ऐसा किया होता, तब मैं इस पर कोई आपत्ति नहीं करता। राजनाथ सिंह ने पेरिस जाकर 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खेप के तहत पहला विमान रिसीव किया था। ‘ राजनाथ ने कहा कि राफेल को शामिल करने से वायुसेना की रक्षा और अटैक की ताकत में इजाफा होगा।
राफेल पर नारियल चढ़ाने, ॐ लिखने पर हुआ था विवाद-
आपको बता दें कि, यह विवाद तब शुरू हुआ जब डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने पैरिस जाकर 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खेप के तहत पहला विमान रिसीव किया था। यही नहीं उन्होंने वहां राफेल एयरक्राफ्ट पर उड़ान भी भरी थी। एयरक्राफ्ट को रिसीव करने के बाद डिफेंस मिनिस्टर ने दशहरे के मौके पर शस्त्र पूजन की विधि करते हुए राफेल की भी पूजा की थी। राफेल पर ॐ लिखने, नारियल चढ़ाने और पहियों के नीचे नींबू रखे जाने की तमाम लोग निंदा कर रहे थे। यही नहीं कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और संदीप दीक्षित ने भी इस तरीके से एयरक्राफ्ट की पूजा किए जाने पर आपत्ति जताई थी।