राम मंदिर: क्या है 24 साल पुराना वादा, जिसे संघ ने केंद्र से की पूरा करने की मांग

मुंबई: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने केंद्र से 1994 में उच्चतम न्यायालय में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा करने का अनुरोध किया. संघ ने कहा कि तत्कालीन सरकार इस बात पर सहमत हो गई थी कि यदि बाबरी मस्जिद बनाने से पहले वहां मंदिर होने के साक्ष्य पाए गे तो वो हिंदू समुदाय का साथ देगी. RSS के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने का मुद्दा हिंदू और मुस्लिम सुमदाय तक ही सीमित नहीं है.

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भायंदर में RSS प्रमुख मोहन भागवत द्वारा रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी में संगठन की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक का शुभारंभ करने के बाद वैद्य ने मीडिया को संबोधित किया. वैद्य ने दावा किया कि 1994 में कांग्रेस के शासन के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा देकर कहा था कि अगर सबूत मिलता है कि मंदिर को ढहाकर मस्जिद बनाई गई थी तो सरकार हिंदू समुदाय की भावनाओं के साथ है. उन्होंने कहा ‘अब हमारे पास सबूत हैं.

साथ ही मुद्दा बिना फैसले के अदालत में लंबे समय से लंबित हैं, अब मुद्दा बस जमीन अधिग्रहण करने और मंदिर निर्माण के लिए इसे सैंपने का हैं.’ RSS नेता ने कहा कि मुद्दा हिंदुओं और मुसलमानों या मंदिर अथवा मस्जिद तक ही सीमित नहीं बल्कि देश की गरिमा को बहान करने का है. उन्होंने कहा 1994 में किए गए वादों को सरकार को पूरा करना चाहिए.

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