2019 में राम मंदिर नहीं तो 2019 में मोदी नहीं, संतो का ऐलान

एक ओर जहां राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट 10 जनवरी से सुनवाई करेगा. तो दूसरी ओर प्रयागराज में 15 जनवरी से शुरू हो रहे अर्ध कुंभ के पहले, संतो ने गंगा और यमुना के किनारे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग करने वाले पोस्टर लगा कर योगी और मोदी सरकार को चेतवानी दी हैं.

वीएचपी की धर्म संसद

संगम नगरी में कुंभ की शुरुआत होने के बाद 31 जनवरी को विश्व हिंदू परिषद ने प्रयागराज में ही धर्म संसद बुलाई है. धर्म संसद में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर चर्चा हो सकती है. नरेंद्र मोदी के सत्ता में आए 4 साल 7 महीने के दौरान राम मंदिर निर्माण को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से प्रयागराज में साधु संतों ने बीजेपी के खिलाफ पोस्टर के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर की है.

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मंदिर नहीं तो मोदी नहीं

संतो ने पोस्टर के माध्यम से सीधे तौर पर केंद्र सरकार खासकर मोदी को चेतवानी वाले लहजे में लिखा है कि अगर “2019 में मंदिर नहीं तो 2019 में मोदी भी नहीं.” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू में राम मंदिर से संबंधित अध्यादेश लाए जाने से इंकार किए जाने के बाद संत समाज ने प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर नाराजगी जताया है.

अलग-अलग नारे

प्रयागराज में गंगा-यमूना किनारे राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ी संख्या में पोस्ट दिखाई पड़ रह हैं. महंत नरेंद्र आचार्य की ओर से लगाए गए इन पोस्टरों में अलग-अलग नारे लिखे गए हैं, ‘जिसमें राम मंदिर निर्माण के लिए गुहार लगाई जा रही है.’ कुंभ में 2019 लोकसभा चुनाव को देखते हुए साधू-संतों ने राम मंदिर मसले पर एक राय बनाने के साथ चुनावी दिशा भी तय की करेंगे.

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