Monday, March 31, 2025

‘दलित’ हटा तो जाएंगे सुप्रीम कोर्ट: रामदास अठावले

नई दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा उच्च न्यायालय के निर्णय के आधार पर दलित शब्द की जगह अनुसूचित जाति शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर जारी किए गए परामर्श पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले लगातार नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. अब उन्‍होंने इस परामर्श के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कह डाली है.

जाहिर है कि हाल ही में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया संस्थानों को यह परामर्श दिया है कि दलित शब्द का इस्तेमाल न करके अनुसूचित जाति शब्द का प्रयोग करें. अंबेडकरवादी कार्यकर्ता पंकज मेश्राम की दायर याचिका पर बाम्बे हाइकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने 6 सितंबर को कहा था की मीडिया की बोलचाल की भाषा में दलित शब्द का इस्तेमाल न करके अनसुचित जाति का इस्तेमाल किया जाए। जिसके बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया संस्थानों को दलित शब्द की जगह अनुसूचित जाति शब्द का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया.

ये भी पढ़ें- सूचना मंत्रालय का सुझाव, कहा- मीडिया न करे दलित शब्द का इस्तेमाल

इस पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री और रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया के अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा कि, ‘अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति शब्‍द का इस्‍तेमाल सरकारी रिकॉर्डस में भी किया जाता है, लेकिन हमारा मत है कि दलित शब्‍द का प्रयोग किया जाना चाहिए. रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया दलित शब्‍द के प्रयोग पर रोक को लेकर जारी की गई एडवाइजरी के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी और वहां इसे चुनौती देगी’.

उन्होंने इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि सभी सरकारी दस्तावेजों में अनुसूचित जाति और जनजाति शब्द का ही इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन दलित शब्द किसी जाति या समुदाय को चित्रित करने के लिए नहीं है, बल्कि यह जाति और धर्म से परे, बड़ी आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेन को समायोजित करता है. उन्होंने मीडिया को जारी की गई एडवायजरी पर साफ किया कि इसमें सत्तारूढ़ दल का कोई लेना देना नहीं है. यह परामर्श हाईकोर्ट के फैसले के बाद लिया गया है.

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles