रामनवमी पर बंगाल में जहां हिंसा हुई, वहां न कराएं चुनाव, कलकत्ता हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी

नई दिल्ली। रामनवमी के दिन पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में शोभायात्रा पर पथराव और हिंसा की एनआईए जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि हिंसा ग्रस्त इलाके में चुनाव ही नहीं कराने चाहिए। कोर्ट  ने सख्त लहजे में कहा कि आचार सहिंता लागू होने के बावजूद, अगर लोग शांति से नहीं रह सकते तो ऐसे स्थान पर चुनाव की क्या जरूरत है। कोर्ट ने हिंसा मामले में राज्य सरकार और पुलिस से जवाब मांगा है। केस की अगली सुनवाई अब 26 अप्रैल को होगी।

मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अगर लोग कुछ घंटे शांति से किसी पर्व का आनंद लेते हुए जश्न नहीं मना सकते, तो ऐसे में हम चुनाव आयोग से सिफारिश करेंगे की संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव न कराते हुए फिलहाल के लिए टाल दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि आचार संहिता लागू थी ऐसे में पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल क्या कर रहे थे? कोर्ट ने ये भी पूछा कि अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई हुई और कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रामनवमी के दिन शोभायात्रा पर पथराव के बाद भारी हंगामा हो गया था। हालात इस कदर बिगड़ गए कि पुलिस को आंसु गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा। इस घटना में कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हो गए। सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार को घेरते हुए निशाना साधा। पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ भी इस मामले को लेकर ममता बनर्जी पर लगातार हमलावार हैं।

बीजेपी के राज्य महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना राज्य पुलिस का काम है। हम चुनाव आयोग से वहां के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं। वहीं देशभर से रामभक्तों ने भी सोशल मीडिया पर घटना की कड़ी निंदा की है।

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