पांच साल बाद किसी मुठभेड़ में शहीद हुआ कर्नल, 6 दिनों से आतंकियों के पीछे पड़ा था सुरक्षा बल;पढ़ें- Handwara Encounter की इनसाइड स्टोरी

राजसत्ता एक्सप्रेस। भारत के एक कोने में जहां भारतीय सेना आज कोरोना वॉरियर्स पर फूल बरसाकर उनकी हौसला अफजाई कर रही थी, तो वहीं देश के दूसरे कोने में सेना के वीर आतंकियों पर गोलियां बरसाकर उनके नापाक इरादों को नेस्तनाबूद कर रहे थे। सेना के जवानों ने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया, लेकिन इस दौरान अपने शौर्य का परिचय देते हुए जम्मू और कश्मीर के हंदवाड़ा में सेना के कर्नल, मेजर और तीन जवान शहीद हो गए। हालांकि, इस मुठभेड़ के दौरान सेना ने दो आतंकियों को भी मार गिराया। बताया जा रहा है कि भारतीय सेना पिछले 6 दिनों से आतंकियों के पीछे पड़ी थी। उसे 6 दिन पहले 28 अप्रैल को हंदवाड़ा में आतंकियों के छिपे होने के इनपुट मिले थे। रविवार यानी तीन मई को आखिरकार सुरक्षाबलों ने आतंकियों को घेर ही लिया। दोनों के बीच जमकर मुठभेड़ हुई, इस दौरान दो आंतकियों को मार गिराया गया, जबकि दो मकान भी पूरी तरह से तबाह हो गए। एहतियात के तौर पर मुठभेड़ स्थल के आस-पास के इलाके में भी तलाशी अभियान चला रखा गया है।

चलिए अब हम आपको सिलसिलेवार ढंग से बताते हैं हंदवाड़ा मुठभेड़ की इनसाइड स्टोरी। कैसे देश ने अपने पांच वीर जवानों को खोया और कैसे आतंकियों का खात्मा हुआ।

दरअसल, सुरक्षा बलों को 28 अप्रैल को कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा के राजवारा के जंगलों में आतंकियों के छिपे होने के इनपुट्स मिले थे। जिसके बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सबसे पहले एक मई को दिन के तीन बजे सुरक्षाबलों और आतंकियों का आमना-सामना हुआ। इस दौरान आतंकियों सुरक्षाबलों को चकमा देकर फरार होने में कामयाब हो गए, लेकिन 24 घंटे बाद इन आतंकियों ने हंदवाड़ा में 11 स्थानीय नागरिकों को बंधक बना लिया और एक घर में छिप गए। इंटेलिजेंस को आतंकियों के मूवमेंट की ताजा जानकारी मिली। जिसके बाद 2 मई को उस घर को घेरते हुए ऑपरेशन शुरू हुआ, जिसमें आतंकी छिपे हुए थे।

आतंकियों के खात्मे के लिए ये सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस का ज्वाइंट ऑपरेशन था। इस टीम में सेना के पांच और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान शामिल थे, जो नागरिकों को बचाने के लिए इलाके में दाखिल हुए। सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, जैसे ही टीम इलाके की ओर बढ़ी, जहां आतंकी छिपे थे, घर के अंदर से फायरिंग शुरू हो गई। अधिकारी ने बताया कि इससे ये कंफर्म हो गया कि आतंकी घर के अंदर ही हैं और वहीं से वे लगातार फायरिंग कर रहे हैं। इस मुठभेड़ में दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया, लेकिन देश के पांच जांबाज योद्धा भी हमने खो दिए।

शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों में 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा मेजर अनुज सूद, नायक राकेश, लांस नायक दिनेश के अलावा जम्मू कश्मीर पुलिस के सब इंस्पेक्टर शकील काजी शामिल हैं। हालांकि, इस ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने नागरिकों की जान को कुछ नहीं होने दिया, सभी को बचाने में सफलता मिली है।

आपको बता दें कि पिछले पांच सालों में किसी भी मुठभेड़ में कर्नल के शहीद होने की ये पहली घटना है। इससे पहले साल 2015 में दक्षिण कश्मीर के त्राल हिजबुल आतंकी आबिद खान को मार गिराने को दौरान चलाए गए अभियान में देश ने कर्नल एमएन राय को खोया था।

 

इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने शरीद हुए सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, ‘हंदवाड़ा में शहीद देश के साहसी सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि। उनके बलिदान और वीरता को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उन्‍होंने हमारे नागरिकों की रक्षा के लिए पूरी तरह से समर्पित होकर राष्‍ट्र की अनथक सेवा की है। उनके परिवारों और मित्रों के प्रति संवेदना।’

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