नरगिस ने दिया था चॉकलेट का लालच, तब ऋषि कपूर ने दिया था अपने करियर का पहला शॉट

राजसत्ता एक्सप्रेस। साल 2020 को शायद ही कोई याद करना चाहें। इस साल ने इतनी कड़वी यादें दी हैं, जिससे उबरने में सालों लग जाएंगे। कोरोना की जंग तो अब भी जारी है, लेकिन हिंदी सिनेमा जगत के दो शानदार जगमगाते सितार अपनी जिंदगी की जंग हार गए। जिंदगी और मौत के बीच की लंबी लड़ाई लड़ने के बाद 29 अप्रैल 2020 को इरफान खान और अब 30 अप्रैल 2020 को ऋषि कपूर इस दुनिया को अलविदा कह गए। 24 घंटे के अंदर दो महान कलाकारों की मौत ने न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि पूरे देश और दुनिया को गमगीन कर दिया है। गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे करीब ऋषि कपूर ने अंतिम सांस ली। वो पिछले दो साल से कैंसर की जंग लड़ रहे थे।

ऋषि कपूर हिंदी सिनेमा के वो शानदार कलाकार रहे हैं, जिनके लिए कहा जाता है कि पैदल चलना शुरू करते ही वो पर्दे पर आ गए थे। रोमांटिक हीरो से लेकर कॉमेडी, विलेन ऐसा कोई भी कैरेक्टर नहीं था, जो उन्होंने पर्दे पर अदा न किया हो। उन्होंने अपने हर रोल से लोगों को प्रेरित किया है। वो लगभग 5 दशकों से भी ज्यादा समय से फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा रहे। उन्होंने फिल्म बॉबी से अपने करियर की शुरुआत बतौर लीड एक्टर की थी। उनकी पहली ही फिल्म सुपरहिट रही थी और लोगों ने उन्हें खूब पसंद किया था। इसके बाद तो उन्होंने अपने करियर में कई कैरेक्टर प्ले किए और लगभग हर रोल में उन्होंने कमाल काम किया।


तीन साल की उम्र में दिया था पहला शॉट

इन सब के अलावा क्या आप ये जानते हैं कि ऋषि कपूर की पहली फिल्म बॉबी नहीं बल्कि पिता राज कपूर की फिल्म श्री 420 थी? इसका खुलासा खुद ऋषि कपूर ने किया था। उन्होंने बताया था कि कैसे अभिनेत्री नरगिस ने उन्हें ये रोल करने के लिए मनाया था। इस फिल्म में ऋषि महज कुछ सेकेंड के लिए ‘प्यार हुआ इकरार हुआ’ गाने में नजर आए थे। नरगिस के पीछे बारिश में चलते हुए तीन बच्चों में सबसे छोटा बच्चा जो नजर आ रहा है, वो ऋषि कपूर थे। उस वक्त ऋषि की उम्र केवल तीन साल की थी।

नरगिस ने दिया था चॉकलेट का लालच

ऋषि ने खुद बताया था कि इस रोल के लिए नरगिस ने उन्हें चॉकलेट का लालच दिया था। इसको लेकर खुद ऋषि ने बताया था, ‘मुझसे कहा गया था कि श्री 420 में एक शॉट देना है और इसमें मेरे बड़े भाई और बहन भी होंगे। जब भी शॉट हो, हमको बारिश में चलना था। ऐसे में जब भी बारिश में पानी मेरे ऊपर गिरता, मैं रोने लग जाता था। जिस वजह से शूटिंग नहीं हो पा रही थी। फिर मुझे अभिनेत्री नरगिस ने कहा कि कि अगर तुम शॉट के दौरान अपनी आंखे खुली रखोगे और रोओगे नहीं, तो मैं तुम्हें चॉकलेट दूंगी। इसके लिए मैंने सिर्फ चॉकलेट के लिए अपनी आंखों को खुला रखा और वो मेरा पहला शॉट था।’

‘मेरा नाम जोकर’ में पिता के यंग रोज किया प्ले

इसके बाद फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में ऋषि कपूर ने अपने पिता राज कपूर के यंग वर्जन का रोल अदा किया था। उन्होंने ये बात खुद बताई थी कि कैसे 1970 में आई फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ के लिए ऋषि कपूर को लेने के लिए उनके पिता ने उनकी मां कृष्णा कपूर से की थी। उन्होंने बताया था, ‘हम सब घर पर खाना खा रहे थे। तब मेरे पिता ने मां को बोला कि मैं चाहता हूं, चिंटू ‘मेरा नाम जोकर’ में मेरे यंग वर्जन को प्ले करे।’ ये सुनकर मैं बहुत उत्साहित हो गया था कि मेरे फिल्मों में काम करने की बात की जा रही है। उनके सामने तो मैंने कुछ नहीं कहा। मैंने अपना खाना खत्म किया और अपने कमरे में चला गया। हालांकि, उस वक्त मम्मी ने पापा से कहा था कि फिल्म की वजह से मेरी पढ़ाई पर असर पढ़ेगा। आगे उन्होंने बताया कि जब मेरे फिल्म में काम करने का विचार हो रहा था। मैं अपने कमरे में गया और स्टडी टेबल की दराज खोली। उसमें एक फुल शीट थी, मैंने उसपर अपने ऑटोग्राफ की प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया।


बता दें कि ऋषि कपूर ने अपने करियर में बॉबी, प्रेम रोग, कभी कभी, लैला मजनू, फना, अमर अकबर एंथनी, चांदनी, दीवाना और 102 नॉट आउट जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया था।

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