दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम प्रोजेक्ट के लिए फंड नहीं देने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को चेताया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार को RRTS प्रोजेक्ट में अपना हिस्सा (415 करोड़ रुपये) 28 नवंबर तक चुकाने का आदेश दिया.
साथ ही कोर्ट ने अल्टीमेटम देते हुए विज्ञापन बजट को कुर्क करने की भी चेतावनी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली सरकार ने अदालत के आदेश का पालन क्यों नहीं किया? हम आपके (दिल्ली सरकार के) विज्ञापन बजट पर रोक लगा देंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि विज्ञापन के लिए दिल्ली सरकार का फंड, प्रोजेक्ट के लिए ट्रांसफर किया जाए. हालांकि, इस आदेश को एक सप्ताह की अवधि के लिए स्थगित रखा और कहा कि अगर फंड ट्रांसफर नहीं किया गया तो आदेश लागू हो जाएगा. बता दें कि जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का बकाया चुकाने के लिए दो महीने का समय दिया था.
वहीं, दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने मंगलवार को कहा कि वो आरआरटीएस परियोजना के लिए बजटीय आवंटन करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कौल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इसका अनुपालन क्यों नहीं किया? मैंने आपसे दूसरे दिन कहा था कि मैं आपका विज्ञापन बजट रोक दूंगा।
कोर्ट ने कहा कि यदि ऐसी राष्ट्रीय परियोजनाएं प्रभावित होती हैं और यदि पैसा विज्ञापन पर खर्च किया जा रहा है, तो हम पैसे को बुनियादी ढांचे के लिए निर्देशित करने के लिए कहेंगे।