किसानों के खाते में हर साल 6000 रु. डाले जाएंगे, 12 करोड़ किसानों को मिलेगा फायदा

मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आज आखिरी बजट पेश किया जा रहा है. अरुण जेटली की अनुपस्थिति में पीयूष गोयल बतौर वित्त मंत्री इसे पेश कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव की वजह से इस बार अंतरिम बजट (वोट ऑन अकाउंट) पेश किया जा रहा है. इसमें नए वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीने के खर्च के लिए संसद से मंजूरी ली गई है.

1948 से चुनावी साल में अंतरिम बजट की परंपरा जारी है. लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी आर्थिक सर्वेक्षण भी जुलाई में ही पेश किया जाएगा.

किसान

‘‘हमारे मेहनती किसानों को फसलों का पूरा मूल्य नहीं मिलता था. हमारी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए इतिहास में पहली बार सभी 22 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से कम से कम 50 प्रतिशत अधिक निर्धारित किया है. देश के मेहनती किसानों ने पिछले साढ़े चार साल में रिकॉर्ड खाद्यान्न पैदा किया है. किसानों को व्यवस्थित इनकम सपोर्ट देने की जरूरत है.

छोटे और सीमांत किसानों की आमदनी सुनिश्चित कराने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की ऐतिहासिक योजना हमने मंजूर की है. दो हेक्टेयर तक की जमीन रखने वाले किसानों को उनकी आमदनी में सपोर्ट करने के लिए 6000 रुपए प्रति वर्ष के हिसाब से देने का निर्णय हमने किया है.

‘‘6000 रुपए प्रति वर्ष की रकम सीधे किसानों के खाते में जाएगी. यह रकम दो-दो हजार रुपए की तीन बराबर किश्तों में दी जाएगी. योजना का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी. करीब 12 करोड़ किसानों को इससे सीधा लाभ मिलेगा.’’
‘‘यह योजना 1 दिसंबर 2018 से ही लागू होगी. दो हजार रुपए की पहली किस्त जल्द ही किसानों की सूचियां बनाकर उनके खातों में डाली जाएगी. इस कार्यक्रम का अनुमानित खर्च 75 हजार करोड़ रुपए होगा जो केंद्र सरकार वहन करेगी.’’

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