नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि वाशिंगटन द्वारा मास्को और तेहरान पर प्रतिबंध लगाए जाने के के बाद रूस के साथ एस-400 मिसाइल सौदा और ईरान से कच्चा तेल आयात के संबंध में भारत की अमेरिका और अन्य सभी हितधारकों से बातचीत जारी है. मीडिया से बातचीत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, “एस-400 पर मैं आपको बता सकता हूं कि हमारे राष्ट्रीय हित में तय हुआ है.”
कुमार ने कहा, “इस मसले पर हम अमेरिका से बातचीत कर रहे हैं और हमने विभिन्न स्तरों पर अमेरिका को अपनी स्थिति से अवगत कराया है.” उन्होंने कहा, “इन वार्ताओं से हमारे उद्देश्यों, चिंताओं और हमारी संवदेनशीलता व आकांक्षाओं को लेकर अमेरिका के साथ बेहतर समझ बनी है.” रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इसी महीने नई दिल्ली दौरे के दौरान एस-400 मिसाइल के सौदे पर हस्ताक्षर हुए.
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ट्रंप प्रशासन के काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन एक्ट (सीएएटीएसए) कानून के जनवरी में लागू होने के बाद एस-400 सौदे के मसले को लेकर काफी कयास लगाए जा रहे हैं. सीएएटीएस में रूस, ईरान और उत्तर कोरिया की कंपनियों के साथ कारोबार करने वाले देशों को निशाना बनाया गया है. अमेरिकी सीनेटरों के एक समूह ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया है. उनका कहना है कि यूक्रेन और सीरिया में जारी युद्ध में मास्को की संलिप्तता रही है. उन्होंने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस की दखलंदाजी का भी आरोप लगाया है. इन्हीं आरोपों को लेकर उन्होंने रूस पर प्रतिबंध लगाया है.
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एस-400 सौदे पर हस्ताक्षर के बाद अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने यहां कहा कि उनके देश द्वारा सीएएटीएसए लागू करने की मंशा रूस पर उसके नुकसान पहुंचाने वाले बर्ताव की कीमत आरोपित करना है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा उनका मकसद रूस के रक्षा क्षेत्र में धन का प्रवाह रोकना है.