1984 सिख दंगा: कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार को 34 साल बाद उम्रकैद की सजा

1984 सिख दंगे के लगभग 34 साल बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस के नेता सज्जन कुमार को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी है. दिल्ली हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सोमवार को निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए सज्जन कुमार को 1984 के दंगे के लिए दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा दी है.

 

सज्जन सिंह को मिली सजा के बाद उनके वकिल ने कहा कि, उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं थे.हम कोर्ट का निर्णय पढ़ने के लिए थोड़ा समय चाहिए. हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते है. अब हमारे पास सुप्रीम कोर्ट में इस फैसलों को चुनौती देने के इलावा कोई विकल्प नहीं है.

सज्जन को हिंसा कराने, षडयंत्र रचने, और दंगा भड़काने का दोषी पाया गया है. वहीं अब हाईकोर्ट के फैसले के बाज सज्जन कुमार को 31 दिसंबर तक सरेंडर करना होगा. ये मामला एक हत्याकांड से जुड़ा हुा है, जिसमें नवंबर 1984 को दिल्ली के छावनी के राजनगर क्षेत्र में एक ही परिवार के पांच सदस्यों को मार दिया गया था. इस हत्याकांड में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार भी आरोपी है.

शिरोमणि अकाली दल नेता मनिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि हम चाहते थे कि कोर्ट ने उन्हें फांसी की सजा देनी चाहिए थी, लेकिन कोर्ट को सज्जन कुमार को उम्रकैद देने के फैसले का हम स्वागत करते हैं.

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