कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के संदेशखली में जबरन वसूली, जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोपी पूर्व तृणमूल नेता शेख शाहजहां की हिरासत सीबीआई को सौंप दी है. अब बंगाल पुलिस के पास शाहजहां शेख और संबंधित सभी साक्ष्यों को सौंपने के लिए शाम 4.30 बजे तक का समय है.
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अगुवाई वाली हाईकोर्ट की पीठ ने सीबीआई और राज्य पुलिस अधिकारियों की एक विशेष जांच टीम गठित करने के पहले के आदेश को रद्द कर दिया और अब मामले को केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया है.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) और राज्य दोनों ने उस आदेश को अलग-अलग चुनौतियां दी थीं. ईडी चाहती थी कि मामला केवल सीबीआई को दिया जाए, जबकि राज्य चाहता था कि स्टेट पुलिस जांच को संभाले. शेख शाहजहां 5 जनवरी से फरार थे. ये उस वक्त हुआ था जब प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की एक टीम पर छापे मारने के दौरान उनके समर्थकों की भीड़ ने हमला कर दिया था.
हमले और शाहजहां के लापता होने से एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था. सत्तारूढ़ तृणमूल पर भाजपा ने लगातार निशाना साधा, जिसने सीएम ममता बनर्जी की पार्टी पर शेख को बचाने का आरोप भी लगाया था. 55 दिनों की फरारी के बाद शाहजहां को आखिरकार एक विशेष पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया, जिसके बाद तृणमूल ने उन्हें छह साल के लिए निलंबित कर दिया. रिपोर्ट्स के अनुसार हाईकोर्ट के आदेश के तीन दिन बाद शेख की गिरफ्तारी हुई थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुनवाई के दौरान नाराज कोर्ट ने तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी के आरोपों का जवाब दिया. उन्होंने कहा था कि न्यायपालिका ने राज्य के हाथ बांध दिए हैं और उनकी पार्टी आरोपियों की रक्षा नहीं कर रही है. उन्होंने भाजपा के आरोपों के जवाब में कहा था कि मैं इसे रिकॉर्ड पर रखना चाहता हूं. टीएमसी शाहजहां की सुरक्षा नहीं कर रही है. न्यायपालिका है. रोक हटाएं और देखें कि पुलिस क्या करती है.
अदालत ने पलटवार करते हुए कहा कि जाहिर तौर पर शाहजहां को गिरफ्तार करने की जरूरत है. कोर्ट ने कहा कि हम स्पष्ट करते हैं कि किसी भी कार्यवाही में गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है. उधर, भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा था कि यह गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि आपसी समायोजन है.