शिवसेना के लिए 20 जून 2022 का दिन न भूलाने वाला रहेगा। इस दिन एकनाथ शिंदे के अगुवाई में शिवसेना के 40 विधायक ने उद्धव ठाकरे से बगावत कर दी थी। जिस वजह से उद्धव के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी। इस दिन को याद कर संजय राउत ने यूएन को पत्र लिखा। जिसमें अपना दर्द बयान करते हुए कहा, 20 जून 2022 को एकनाथ शिंदे हमारी पार्टी के 40 विधायकों को लेकर भाजपा की मदद से हमारी पार्टी छोड़कर चले गए थे।
उन्हें 50-50 करोड़ रुपए मिले थे। उन्होंने ऐसा तब किया जब हमारे पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे बीमार थे। 20 जून को ‘विश्व गद्दार दिवस’ घोषित करने की मांग पर पलटवार करते हुए शिवसेना के उदय सामंत, संजय शिरसाट और रामदास कदम जैसे नेताओं ने संजय राउत और सेना (यूबीटी) को हिंदुत्व और दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों से ‘गद्दारी’ करने वाला बताया।
संजय शिरसाट ने कहा कि उनकी पार्टी 20 जून को ‘गौरव और स्वाभिमान के दिन’ के रूप में मनाएगी। उदय सामंत ने कहा कि पार्टी जल्द ही सत्ता के लिए अपने आदर्शों व विचारों को त्याग कर राज्य की जनता के पीठ में छुरा घोंपने की घटना को उजागर करेगी।
रामदास कदम ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने केवल मुख्यमंत्री बनने के लिए भाजपा से नाता तोड़ लिया था और उन्होंने जनता के साथ ‘गद्दारी’ (देशद्रोह) की थी, और हिंदुत्व और दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा प्रतिपादित शिक्षाओं के साथ विश्वासघात किया था। यहां तक कि मुख्यमंत्री शिंदे ने भी मजाक उड़ाते हुए कहा, मैंने सुना है कि वे (ठाकरे) ऐसे किसी दिन की मांग करने जा रहे हैं।
शिवसेना के 57वें स्थापना दिवस पर सोमवार को एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के गुट ने अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जनता को सम्बोधित करते हुए कहा, जब कांग्रेस सत्ता में थी तो कहते थे कि इस्लाम खतरे में है, लेकिन अब भाजपा पिछले 10 साल से सत्ता में है, तो हिंदू जन आक्रोश मोर्चा निकाला जा रहा है। इसका मतलब आप सत्ता चलाने लायक नहीं हैं। कश्मीर और मणिपुर में हिंदू मारा जा रहा है और आप विपक्ष को खत्म कर रहे हैं।