नई दिल्ली: वैसे तो सावन के हर दिन का खास महत्व होता है लेकिन सावन महीने में आने वाले हर सोमवार का विशेष महत्व होता है. आज यानी 6 अगस्त को सावन मास का दूसरा सोमवार है. सावन का दूसरा सोमवार नवमी तिथि के साथ आ रहा है. नवमी तिथि मां दुर्गा की उपासना की तिथि मानी जाती है. इस तिथि की मालिक स्वयं मां दुर्गा हैं.
सावन के दूसरे सोमवार का महत्व
हर महीने के दोनों पक्ष की नवमी का महत्व अलग-अलग है. शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को शिवपूजन वर्जित होती है. जबकि कृष्णपक्ष की शिवपूजन को शुभ माना जाता है. इस बार नवमी और सोमवार का अद्भुत संयोग बना है, जो मनोकामनाओं को पूरा कर सकता है.
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इस दिन उपवास रखकर अगर आप भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करें और मंत्रों का जाप करें तो इससे आर्थिक और पारिवारिक समस्याएं दूर हो सकती हैं.
अगर विवाह से जुड़ी कोई समस्या है तो इस दिन पूजा-उपासना से लाभ होगा. श्रावण के दूसरे सोमवार पर नवमी तिथि के विशेष संयोग पर यदि आप भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा करते हैं तो आपको विशेष लाभ हो सकता है. भगवान शंकर की पूजा प्रदोष काल में करना सर्वोत्तम होता है. यानी सूर्यास्त के 45 मिनट पहले या 45 मिनट बाद पूजा करना सबसे अच्छा माना जाता है.
क्या ना करें
शिवलिंग पर सरसों का तेज अर्पित नहीं करना चाहिए. क्योंकि ये मारण प्रयोग है और ऐसा करने से बुरे परिणाम प्राप्त होते हैं.
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पूजन विधि
♦ सुबह स्नान कर, सफेद और स्वच्छ वस्त्र पहनें.
♦ भगवान शिव को जल और बेलपत्र अर्पित करें.
♦ उनको सफेद वस्तु का भोग लगाएं. जैसे कि खीर, सफेद मिठाई आदि.
♦ इसके बाद नम: शिवाय का मंत्र जाप करें. जितनी इच्छा हो, उतनी बार मंत्रों का जाप कर सकते हैं.
♦ इसके बाद रात के समय भगवान शिव के समक्ष घी का दीपक जलाकर शिव मंत्र का जाप करें.
♦ इसके बाद आप जल और फल आप ग्रहण कर सकते हैं. नमक और अनाज का सेवन ना करें.
50 साल बाद बना ऐसा संयोग
इस बार के सावन में पूरे 5 सोमवार पड़ेंगे. जिसे विशिष्ट संयोग माना जा रहा है. सर्वार्ध सिद्धि योग से 10 जुलाई को सावन का शुभारंभ सोमवार के साथ हुआ जबकि इसका समापन भी सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग और चंद्र ग्रहण के साथ होगा. बताया जा रहा है कि सावन में इस तरह का संयोग 50 साल बाद बना है.
इसलिए अहम है 5 सोमवार
पंडितों और शास्त्रियों के अनुसार 5 अंक का अलग ही महत्व होता है. करीब हर अहम चीज के साथ 5 का अंक जुड़ा है. हमारे शरीर में भी 5 इंद्रीयां होती है, सावन के आखिरी सोमवार 7 अगस्त को राखी होगी. सुबह 11.7 बजे तक भद्रा रहेगी. रात्रि 10.52 से चंद्र ग्रहण दिखना शुरू होगा. जो कि रात 12.22 बजे तक रहेगा. रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 7 मिनट से दोपहर 1 बजकर 50 मिनट तक रहेगा.