राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने से कांग्रेस बुरी तरह से भड़क उठी है। लोकसभा सचिवालय का आदेश आते ही कांग्रेस के नेताओं का हमला शुरू हो गया है। इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शाम पांच बजे अर्जेंट मीटिंग बुलाई है। जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इंडियन डेमोक्रेसी ओम शांति कहते हुए इस फैसले को लोकतंत्र की अर्थी उठाने वाला करार दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बीजेपी ने उन्हें (राहुल गांधी) को अयोग्य ठहराने के सभी तरीके आजमाए। जो सच बोल रहे हैं उन्हें वो रखना नहीं चाहते लेकिन हम सच बोलते रहेंगे। हम जेपीसी की मांग जारी रखेंगे, जरूरत पड़ी तो लोकतंत्र बचाने के लिए जेल जाएंगे।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि जब राहुल गांधी ने अडानी पर प्रधानमंत्री से सवाल पूछे थे उसी समय से इन्होंने इस प्रकार साजिश राहुल गांधी की आवाज को दबाने के लिए शुरू कर दी थी। मोदी सरकार के मंत्रियों ने कई बार राहुल गांधी के खिलाफ गलत आरोप लगाए।
केसी वेणुगोपाल ने आगे कहा कि लोकसभा में राहुल गांधी को बोलने का और अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया गया। ये साफ-साफ भाजपा सरकार के लोकतंत्र विरोधी और तानाशाह वाले मनोभाव को दर्शाता है। उनके अलावा कांग्रेस के कई और नेताओं ने भी सरकार पर हमला बोला है।
इधर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करना मोदी सरकार की प्रतिशोध की नीति का उदाहरण है। भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी की लोकप्रियता बहुत बढ़ी है और मोदी सरकार को यही हजम नहीं हो रहा। उन्हें लग रहा है कि राहुल गांधी का मुंह बंद करना होगा क्योंकि अगर उन्हें बोलने दिया गया तो BJP सरकार से बाहर हो जाएगी।